नई दिल्ली : केंद्र सरकार जल्द ही शराब के छद्म विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े नियमों की घोषणा करने जा रही है। इस कदम का उद्देश्य जन...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही शराब के छद्म विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े नियमों की घोषणा करने जा रही है। इस कदम का उद्देश्य जनता को भ्रमित करने वाले और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक विज्ञापनों पर रोक लगाना है। नए नियमों के तहत, शराब कंपनियों पर 50 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
• कंपनियों पर असर :
इस निर्णय से कार्ल्सबर्ग, पर्नोड रिकार्ड और डियाजियो जैसी प्रमुख शराब कंपनियों को अपने मार्केटिंग अभियानों पर पुनर्विचार करना पड़ेगा। ये कंपनियां अक्सर अपने उत्पादों के लिए अप्रत्यक्ष विज्ञापन रणनीतियों का सहारा लेती हैं, जिसमें पानी, संगीत सीडी या कांच के बर्तन (ग्लास) जैसी वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। उपभोक्ता मामलों की शीर्ष अधिकारी निधि खरे ने बताया कि इस प्रकार के छद्म विज्ञापन उपभोक्ताओं को गुमराह करने का प्रयास करते हैं।
• मशहूर हस्तियों पर प्रतिबंध :
नए नियमों के तहत तंबाकू और शराब के विज्ञापनों का समर्थन करने वाली मशहूर हस्तियों पर भी प्रतिबंध लग सकता है। इस पहल का उद्देश्य है कि इन उत्पादों के प्रचार-प्रसार को रोका जाए, ताकि इनका उपयोग कम हो सके और सामाजिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिल सके।
• उद्योग की प्रतिक्रिया :
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि ये नए नियम कंपनियों को अपनी मार्केटिंग रणनीतियों को पुन:संरचित करने के लिए मजबूर करेंगे। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस प्रतिबंध से कंपनियों के विज्ञापन बजट में वृद्धि हो सकती है क्योंकि वे वैकल्पिक और स्वीकार्य प्रचार माध्यमों की तलाश करेंगे।
• उपभोक्ताओं पर प्रभाव :
सरकार का यह कदम उपभोक्ताओं के लिए सकारात्मक साबित हो सकता है क्योंकि इससे उन्हें साफ और सटीक जानकारी प्राप्त होगी। इस निर्णय से जनता को स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता बढ़ाने और सुरक्षित उपभोग प्रथाओं को अपनाने में भी मदद मिलेगी।
सरकार के इस प्रयास से यह साफ है कि वह सामाजिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में उद्योग कैसे इस नए बदलाव के साथ तालमेल बिठाता है।
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