जगदलपुर : छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार के खिलाफ 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत लगभग 13,000 कर्मचारियों की लंबित ...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने राज्य सरकार के खिलाफ 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत लगभग 13,000 कर्मचारियों की लंबित 3 सूत्रीय मांगों की पूर्ति हेतु आंदोलन की घोषणा की है। महासंघ ने कई ज्ञापनों और धरनों के बाद भी इन मांगों पर कोई सकारात्मक पहल न होने के कारण इस अनिश्चितकालीन आंदोलन की योजना बनाई है।
• महासंघ द्वारा प्रस्तुत मांगें निम्नलिखित हैं :
1. प्रबंधकीय अनुदान: मध्य प्रदेश सरकार के तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार से प्रत्येक सहकारी समिति को 3 लाख रुपये का वार्षिक प्रबंधकीय अनुदान दिए जाने की मांग की गई है।
2. वेतनमान संशोधन: 2018 में लागू सेवा नियमों में संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने की मांग की गई है।
3. धान खरीदी नीति में सुधार: धान परिंदान के बाद सुखत मानी जाने वाली राशि में वृद्धि, तथा अन्य खर्चों में 4 गुना वृद्धि के साथ क्षति पूर्ति की मांग रखी गई है।
• चरणबद्ध आंदोलन की योजना :
महासंघ ने आंदोलन के लिए चार चरणों की रूपरेखा तैयार की है।
18 से 20 अक्टूबर 2024 तक कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थलों पर काम करेंगे।
21 और 22 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
23 अक्टूबर से 3 नवंबर तक कर्मचारियों द्वारा नारेबाजी की जाएगी।
अंततः, 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना रायपुर में किया जाएगा।
इस आंदोलन से राज्य की कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं पर असर पड़ने की संभावना है, जिनमें समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, कृषक पंजीकरण और ईआरपी पोर्टल के काम शामिल हैं।
राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन महासंघ ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज़ होगा।
यदि यह आंदोलन जारी रहता है, तो राज्य में धान खरीदी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में रुकावट आ सकती है। इसके तहत आज, 22 अक्टूबर को संघ द्वारा रैली निकालकर जिला सहकारी बैंक जगदलपुर में सीईओ को ज्ञापन सौंपकर हड़ताल किए जाने की जानकारी दी गई।
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