जगदलपुर । बस्तर में जनसेवा के लिए समर्पित तथा गरीबों का इलाज करवाने के लिए पहचाने जाने वाले सामजिक कार्यकर्ता अलेक्जेंडर चेरियन को कोरोना का...
अलेक्जेंडर पहले से ही गरीब असहाय मरीजों की इलाज में मदद करते रहे है और यही कारण है कि उन्हें इलाज वाले बाबा की उपाधि बस्तर में दी गई थी। अभी कोरोना काल में पहले लॉकडाउन के समय से ही अलेक्जेंडर लोगों की मदद में जूट गये थे। कोरोना के शुरूआती दौर में जब पहली बार लॉक डाउन लगा था तब अलेक्स ने गरीबों को दो वक्त का भोजन उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी उठाई थी। इस बीच जब कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू किये तो उन्होंने मास्क और सेनेटाइजर का वितरण शुरू किया था।
आपको बता दे की अलेक्जेंडर 15 वर्ष की उम्र से ही सेवाकार्य से जुड़े हुए है। वर्षों से रेडक्रास सोसायटी से जुड़कर आम जनता और जिला प्रशासन के बीच की कड़ी के रूप में बेहतर काम कर रहे हैं। किसी जरूरतमंद की जानकारी मिलने के बाद वे दिन हो या रात पहुंचकर खड़े हो जाते हैं, जिले ही नहीं संभागभर के लोग जनसेवक के रूप में पहचानते हैं। इसके अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, तथा अन्य क्षेत्रों में भी इन्होंने हमेशा लोगो की मदद की है।
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