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रायगढ़। जिला रायगढ़ के तहसील रायगढ़ में दिनांक 11.02.2022 को नायब तहसीलदार एवं अधिवक्ता के मध्य मारपीट की घटना पर देश के कानून के अनुसार संबंधित पुलिस थाना में एफआईआर कराया जाना और एफआईआर नहीं करने पर जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष द.प्र.सं की धारा 154 (3) के अंतर्गत एफआईआर हेतु आवेदन प्रस्तुत किया जाना चाहिए। परंतु राज्य के राजस्व विभाग के कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी के कार्यालयों को बंद कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा नारे बाजी करते हुए धरना देकर षासन उपर अधिवक्ता के विरूद्ध कार्यवाही हेतु दबाव बनाया जा रहा है। वहीं अधिवक्ता संघ के द्वारा नायब तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही का दबाव बनाया जा रहा है। आम जनता के मध्य इस प्रकार मारपीट की घटना पर एफआईआर दर्ज करा कर कार्यवाही की प्रतिक्षा किया जाता है। लेकिन राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आम जनता से उपर विषेश श्रेणी का दर्जा मानते हुए उनके द्वारा जनहित की कार्यवाही उपेक्षा करते हुए कार्यालय बंद किये गये। छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 एवं वर्गीकरण नियंत्रण, अपील नियम 1966 के विभागीय सेवा नियम के अंतर्गत कार्यालय बंद कराना और अवकाष स्वीकृत कराये बगैर कार्यालय में अनुपस्थित होकर गंभीर कदाचरण किया गया है। उक्त कृत्य दण्डनीय तथा अनुषासनिक कार्यवाही के परिधि में आता है। षासन के द्वारा सभी कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी एवं तहसीलदार कार्यालयों से अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति की जानकारी प्राप्त कर सेवा नियम के अंतर्गत कार्यवाही किया जाना अनुषासन के लिए अत्यंत आवष्यक है। अन्यथा इस प्रकार के कार्यालय बंद कर धरना प्रदर्षन करने की पुनर्रावृत्ति होती रहेगी। जिससे आम जनता का न्याय एवं विकास और जनसुविधा के कार्य प्रभावित होगें।
नायाब तहसीलदार एवं अधिवक्ता के मध्य मारपीट की घटना पर राजस्व न्यायालय एवं कार्यालयों को बंद किया जाना गंभीर कदाचरण
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