जगदलपुर : देव कोठार नाम से ही एक देव भूमि का आभास होता है। यह स्थल बस्तर विकासखण्ड के ग्राम भोंड के पिडसीपारा में डोंगरी पर स्थित है। यहां ...
जगदलपुर : देव कोठार नाम से ही एक देव भूमि का आभास होता है। यह स्थल बस्तर विकासखण्ड के ग्राम भोंड के पिडसीपारा में डोंगरी पर स्थित है। यहां के ग्रामीणजन 5 जून को मिलकर एक उत्सव के रूप में पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं। हर बार की भांति इस बार भी पर्यावरण दिवस के अवसर पर अतिथियों को आमंत्रित कर उत्सव की तैयारी की गई।
• प्राकृतिक सौंदर्य और संरक्षण
देव कोठार पिडसीपारा शांत प्राकृतिक जंगल है जहां डोंगरी में देव पूजा की जाती है। बारिश के दिनों में इस देव कोठार स्थल से ऊपर से नीचे मार्ग में बारिश का पानी उतरता है मानो झरना सा मनोरम दृश्य झलकता है। इस स्थल पर हर वर्ष पौधरोपण कर वृक्षों की हिफाजत एवं देखरेख सभी ग्रामीणजन करते है।
• सांस्कृतिक कार्यक्रम और अतिथि
इस वर्ष के पर्यावरण दिवस के अवसर पर यूथ हॉस्टल दल को आमंत्रित किया गया जिसमें अनिल लुक्कड़, सुभाष श्रीवास्तव, मनीष मूलचंदानी उपस्थित रहे। देव कोठार भूमि में रुद्राक्ष के पौधे को रोपित किया गया, साथ ही ग्रामीण बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसमें स्वागत गीत में पर्यावरण को शामिल किया गया। साथ ही बस्तर मोचो काय सुंदर माटी, महुआ झरे रे गीत पर बेहतरीन नृत्य की प्रस्तुति की गई एवं एक ग्रामीणजन की शिक्षा तथा व्यवहार पर नाटक का मंचन किया गया। सभी उपस्थितजनों ने इस सांस्कृतिक आयोजन को सराहा। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में नीलिमा कश्यप, मितेन्द्री कश्यप, सीतामणी, धनेश्वरी, कृतिका, महेश्वरी, सन्ध्या, गजेन्द्री, दुतिका एवं शामिल सभी बच्चों को पुरस्कृत किया गया।
देव कोठार में पर्यावरण दिवस कार्यक्रम की व्यवस्था भादुराम कश्यप, सोनसिंह बघेल, मुन्नाराम बघेल, अनन्तराम पटेल, लेदूराम पुजारी, लखन साहू, लखमुराम बघेल, रश्मि बघेल, आयती, लखमी, हेमवती बघेल, गेड़े बाई, सुकरी बाई ने की।
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