जगदलपुर: ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के तहत एक बार फिर डायल...
जगदलपुर: ग्रामीण इलाकों में गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के तहत एक बार फिर डायल 112 ने अपनी उपयोगिता साबित की। बड़ाजी थाना क्षेत्र के ग्राम सिरिसगुडा काडकीपारा में एक गर्भवती महिला को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने का मामला सामने आया है।
ग्राम सिरिसगुडा काडकीपारा निवासी राजूराम कश्यप ने 112 को फोन कर जानकारी दी कि बालमती मंडावी (22) को तेज प्रसव पीड़ा हो रही है। स्थिति गंभीर होने के कारण और गाँव में किसी भी वाहन की उपलब्धता न होने के कारण उन्होंने 112 की मदद ली। डायल 112 की टीम ने 29 किलोमीटर का कठिन सफर तय कर बिना नेटवर्क वाले इस गाँव में पहुँचकर महिला को सुरक्षित निकाला।
महिला की हालत नाजुक होने के कारण उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाने के प्रयास के दौरान रास्ते में ही महिला ने एक बालिका को जन्म दिया। डायल 112 की गाड़ी में ही महिला की डिलीवरी हुई। परिजनों और 112 टीम की तत्परता ने इस नाजुक स्थिति को संभाला और माँ-बच्चे को सुरक्षित लोहंडीगुड़ा के सीएचसी अस्पताल पहुंचाया गया।
सीएचसी लोहंडीगुड़ा में मां और बच्ची दोनों का उचित इलाज कर उन्हें स्थिर स्थिति में लाया गया। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि आपातकालीन सेवाएं ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से पहुँच सकती हैं और लोगों की जान बचाने में कारगर हो सकती हैं।
• डायल 112: ग्रामीण इलाकों में जीवन रक्षक सेवा
डायल 112 की तत्परता और साहस ने साबित कर दिया कि आपातकालीन सेवाएं सिर्फ शहरी इलाकों तक सीमित नहीं हैं। यह घटना उन सभी के लिए प्रेरणा है जो ग्रामीण इलाकों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को प्रभावी बनाने में लगे हैं।
ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की कमी और दूरदराज के स्थानों तक पहुंचने की कठिनाईयों के बावजूद, डायल 112 की टीम ने जिस तत्परता और हिम्मत के साथ इस चुनौती का सामना किया, वह सराहनीय है। सरकार की इन योजनाओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और अन्य जरूरतमंदों को समय पर मदद मिलना सुनिश्चित हो रहा है।
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