रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश में गौवंश और दुधारू पशुओं की तस्करी, वध और मांस की अवैध बिक्री को रोकने के लिए कठोर निर्देश जारी...
रायपुर : छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश में गौवंश और दुधारू पशुओं की तस्करी, वध और मांस की अवैध बिक्री को रोकने के लिए कठोर निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना और संलिप्त आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
• घटनाओं की बढ़ती संख्या से जनता में आक्रोश
प्रदेश में हाल ही में गौवंश और दुधारू पशुओं की अनाधिकृत तस्करी, वध और मांस की बिक्री की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिससे जनता में भारी आक्रोश उत्पन्न हुआ है। इन घटनाओं के कारण साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।
• कड़े निर्देश और कानूनी प्रावधान
पुलिस मुख्यालय ने इन घटनाओं की रोकथाम के लिए कई कानूनी प्रावधानों का उपयोग करने का निर्देश दिया है। इनमें छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 शामिल हैं। इन अधिनियमों के तहत गौवंश और दुधारू पशुओं के वध, मांस रखने और परिवहन पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। उल्लंघन करने वालों को सात साल तक का कारावास या 50,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
• तस्करी की रोकथाम के लिए विशेष अभियान
पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि तस्करी के रूट और संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर विशेष अभियान चलाया जाए। इसके तहत स्थैतिक सर्विलेंस पॉइंट्स स्थापित किए जाएंगे और निरंतर पेट्रोलिंग की जाएगी। इसके अलावा, अवैध तस्करी से अर्जित सम्पत्ति को चिन्हित कर नियमानुसार जप्ती और कुर्की की जाएगी।
• कठोर दंडात्मक कार्रवाई
यदि किसी पुलिस अधिकारी की लापरवाही या संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध कठोर दंडात्मक/विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पांच से अधिक बार नकारात्मक टीप अंकित होने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाएगी।
• प्रभावी मॉनिटरिंग और अभियोजन
जिला स्तर पर गौवंश के वध और तस्करी के लम्बित प्रकरणों की सतत मॉनिटरिंग की जाएगी और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अभियुक्तों की गिरफ्तारी, अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलना, और अभियोजन में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाएगी।
• प्रशिक्षण और संसाधन
विवेचना अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। उन्हें आवश्यक संसाधन और उपकरण प्रदान किए जाएंगे ताकि तस्करी के प्रकरणों पर पूर्णतः अंकुश लगाया जा सके।
पुलिस मुख्यालय ने निर्देश दिया है कि इन दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए और की गई कार्रवाई से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराया जाए। यह कदम प्रदेश में गौवंश और दुधारू पशुओं की तस्करी पर अंकुश लगाने और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
No comments