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बीजापुर के आदिवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए आवाज उठाई

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जगदलपुर: बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक के ग्राम नडपल्ली, गलगम और गूंजे परती में आदिवासी समुदाय ने अपने जल, जंगल और जमीन की परंपराओं और अधिकारो...

जगदलपुर: बीजापुर जिले के उसूर ब्लाक के ग्राम नडपल्ली, गलगम और गूंजे परती में आदिवासी समुदाय ने अपने जल, जंगल और जमीन की परंपराओं और अधिकारों की रक्षा के लिए सर्व आदिवासी समाज के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में आदिवासियों ने अपनी समस्याओं और उनके समाधान के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की।



बैठक का नेतृत्व:

सर्व आदिवासी समाज बीजापुर के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार तलांडी ने इस बैठक का नेतृत्व किया। उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र बुरका, दशरथ कश्यप, ककेम नारायण, अनिल बुरका, महिला प्रभाग जिलाध्यक्ष जमुना सकनी, जनपद सदस्य कटटम सरोजिनी, पूर्व सरपंच गटपली सुरैया और अन्य प्रमुख आदिवासी नेताओं ने भी बैठक में हिस्सा लिया।



ग्रामीणों की समस्याएं:

ग्राम नडपल्ली, गलगम और गूंजे परती के ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं साझा कीं। उन्होंने बताया कि वे अपनी पुरखों की परंपराओं और संसाधनों को बचाए रखते हुए जीविकोपार्जन करते हैं, लेकिन उन्हें नक्सलियों के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लगातार उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे उनका जीवन कठिन हो गया है।



आदिवासी समाज का बयान:

अशोक कुमार तलांडी ने कहा कि आदिवासी समुदाय पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए अपनी परंपराओं को जीवित रखता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि आदिवासियों को नक्सलियों के नाम पर बेवजह प्रताड़ित न किया जाए। तलांडी ने यह भी कहा कि सरकारें आदिवासियों के नाम पर वोट तो लेती हैं, लेकिन उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कुछ नहीं करतीं। उन्होंने सरकार से आदिवासियों को योजनाओं से लाभान्वित करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।


अन्य नेताओं का समर्थन:

प्रदेश उपाध्यक्ष नरेंद्र बुरका, अनिल बुरका, जमुना सकनी और अन्य नेताओं ने भी अपने संबोधन में आदिवासियों के समर्थन में आवाज उठाई। उन्होंने आदिवासियों की परंपरागत संस्कृति, सभ्यता और पर्यावरण संरक्षण की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और सरकार से आदिवासियों के साथ हो रहे अन्याय को समाप्त करने की मांग की।


मुख्य मांगें:

1. नक्सलियों के नाम पर आदिवासियों का उत्पीड़न बंद हो।

2. आदिवासियों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जाए।

3. आदिवासियों के परंपरागत अधिकारों की रक्षा की जाए।

4. बीजापुर जिले के नडपल्ली, गलगम, गूंजे परती गांवों के लोगों को फर्जी मामलों में फंसाकर जेल भेजने की प्रक्रिया बंद हो।

5. स्थानीय स्कूलों, आश्रमों और पोटा केबिनों का नवीनीकरण और सुधार किया जाए।

6. तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान की समस्या का समाधान हो।



बैठक के अंत में अशोक कुमार तलांडी और अन्य नेताओं ने सरकार से अपील की कि आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा की जाए और उन्हें बेवजह प्रताड़ित न किया जाए। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें आदिवासियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


इस महत्वपूर्ण बैठक ने आदिवासी समुदाय की आवाज को मजबूत किया और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई।

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