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नगर पंचायत द्वारा आवारा पशुओं की समस्या से निपटने के लिए विशेष दल का गठन

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जगदलपुर :  बस्तर जिले में सड़कों पर आवारा पशुओं के बढ़ते जमावड़े को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। शास...

जगदलपुर : बस्तर जिले में सड़कों पर आवारा पशुओं के बढ़ते जमावड़े को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर विजय दयाराम के मार्गदर्शन में नगर पंचायत बस्तर ने एनएच 30 और अन्य मुख्य मार्गों से आवारा पशुओं को हटाने के लिए कार्यवाही शुरू की है। 



कार्यवाही की प्रमुख बातें:

- टैंगिंग और रेडियम पट्टी: आवारा पशुओं को पहचानने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके गले में रेडियम पट्टी लगाई जा रही है। इससे रात के समय वाहन चालकों को पशुओं की मौजूदगी का पता चल सकेगा और दुर्घटनाओं से बचा जा सकेगा।


- पशु मालिकों की पहचान: मुख्य नगर पालिका अधिकारी तरुण लहरे के अनुसार, टीम द्वारा पशु मालिकों की पहचान कर उन्हें अपने पशुओं को संभालने के लिए सूचित किया जा रहा है। 


- जुर्माने की व्यवस्था: यदि कोई पशु दुबारा सड़क पर पाया जाता है, तो उसके मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा। यह कदम पशु मालिकों को जिम्मेदार बनाने और सड़कों पर पशुओं के जमावड़े को रोकने के लिए उठाया गया है।


- सुरक्षित गौठान में स्थानांतरण: आवारा पशुओं को सुरक्षित गौठानों में ले जाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। इसके लिए विशेष दल का गठन किया गया है जो सुनिश्चित करेगा कि पशु सड़क से हटकर सुरक्षित स्थान पर पहुँच जाएं।


इस पहल का मुख्य उद्देश्य न केवल सड़कों पर यातायात को सुगम बनाना है, बल्कि पशुओं की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना है। नगर पंचायत की यह कार्यवाही निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है जो शहर के नागरिकों को राहत प्रदान करेगा। 


आशा है कि इन प्रयासों से बस्तर क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या को नियंत्रण में लाया जा सकेगा और शहर की सड़कों पर आवागमन को सुरक्षित बनाया जा सकेगा।

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