जगदलपुर : शहर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्रद्धालुओं के उत्साह का अनूठा प्रदर्शन देखा गया। पूरे शहर में शिव भक्तों द्वारा भव्य शोभाया...
जगदलपुर : शहर में श्रावण मास के तीसरे सोमवार को श्रद्धालुओं के उत्साह का अनूठा प्रदर्शन देखा गया। पूरे शहर में शिव भक्तों द्वारा भव्य शोभायात्रा और कावड़ यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाओं की भागीदारी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही।
• ऐतिहासिक शिव मंदिर में पूजा-अर्चना :
जगदलपुर के ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर, जो दलपत सागर के बीचों बीच स्थित है, वहां भक्तों ने विशेष पूजा-अर्चना की। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक महत्ता भी इसे खास बनाती है। श्रावण के इस पावन महीने में भक्तगण बड़ी संख्या में यहां एकत्रित हुए और भगवान शिव की आराधना की।
• प्रशासन से विशेष व्यवस्था की मांग :
भक्तों ने जगदलपुर नगर निगम प्रशासन से विशेष मांग की है कि शिवरात्रि के समय जिस प्रकार दलपत सागर के बीच स्थित शिव मंदिर में दर्शन के लिए मोटर बोट की व्यवस्था की जाती है, उसी प्रकार श्रावण मास के हर सोमवार को भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सहूलियत होगी, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
• शोभायात्रा में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी :
इस वर्ष की शोभायात्रा की खास बात यह रही कि इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी की। उनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी भव्य और समावेशी बना दिया। शोभायात्रा के दौरान भक्तगण भजनों और कीर्तन के माध्यम से भगवान शिव की महिमा का गुणगान करते नजर आए, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।
श्रावण मास के अवसर पर इस प्रकार की धार्मिक गतिविधियाँ न केवल समाज में एकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश देती हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध परंपराओं से भी जोड़ती हैं। इस प्रकार के आयोजन बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को भी जीवित रखते हैं।
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