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जगदलपुर: दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं की संभावित बेरोजगारी पर तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं ने एक नई सरकारी प्रणाली के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ता...

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं ने एक नई सरकारी प्रणाली के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ताल 18, 19 और 20 सितंबर 2024 को आयोजित की जाएगी। विरोध का कारण शासन द्वारा प्रस्तावित नया पेपरलेस और फेसलेस रजिस्ट्री सिस्टम है, जिसके कारण दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं के बेरोजगार होने की संभावना जताई जा रही है।



नई प्रणाली से खतरा :

दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं का कहना है कि वर्षों से वे अपने कार्य से न केवल अपना जीवन यापन कर रहे हैं, बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। लेकिन अब एक विशेष ऐप के माध्यम से पेपरलेस और फेसलेस रजिस्ट्री प्रणाली लागू करने की तैयारी की जा रही है। इस नई प्रणाली के तहत, लोग घर बैठे अपनी रजिस्ट्री करवा सकेंगे, जिससे उन्हें दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं की सेवाओं की आवश्यकता नहीं रहेगी। इससे उनका रोजगार खतरे में पड़ जाएगा और हजारों परिवारों का भविष्य अनिश्चित हो जाएगा।


प्रदर्शन और हड़ताल की घोषणा :

दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं ने इस स्थिति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए 18 से 20 सितंबर तक हड़ताल करने का निर्णय लिया है। उनके अनुसार, यह हड़ताल शासन का ध्यान आकर्षित करने और इस नई प्रणाली पर पुनर्विचार कराने के उद्देश्य से की जा रही है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान आम नागरिकों को होने वाली असुविधा के लिए उन्हें खेद है, लेकिन यह कदम उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए जरूरी है।


समाज पर प्रभाव :

अगर यह प्रणाली लागू होती है, तो दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं के सामने भारी बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा। वे पूरी तरह से अपनी आय के स्रोत से वंचित हो सकते हैं, जिससे उनके परिवारों के भरण-पोषण में समस्या आ सकती है।


प्रशासन से अपील :

दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं ने शासन से अपील की है कि इस नई प्रणाली को लागू करने से पहले उनके रोजगार के मुद्दों पर विचार किया जाए। उनका कहना है कि अगर इस प्रणाली को उचित रूप से लागू नहीं किया गया, तो यह उनके और उनके परिवारों के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है।


अब यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस विरोध को कैसे संभालता है और क्या नई प्रणाली को लेकर कोई समाधान निकलता है या नहीं।


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