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कैबिनेट ने नियानार में औद्योगिक विकास हेतु 118 एकड़ जमीन को दी मंजूरी

जगदलपुर :  बस्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने नियानार में 118 एकड़ जमीन द...

जगदलपुर : बस्तर क्षेत्र के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने नियानार में 118 एकड़ जमीन देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। कैबिनेट की इस मंजूरी से नगरनार इस्पात संयंत्र के आस-पास सहायक उद्योगों की स्थापना के प्रयासों को बल मिलेगा, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर और आर्थिक विकास में वृद्धि की उम्मीद है।



बस्तर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (बीसीसीआई) लंबे समय से इस क्षेत्र में सहायक उद्योगों के विकास के लिए प्रयासरत रहा है। बीते दिनों बीसीसीआई के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने व्यापारियों की इस मांग पर सकारात्मक रुख दिखाया था। उनके द्वारा दी गई आश्वासन के बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा गया, जिस पर कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान की।


बीसीसीआई के अध्यक्ष श्याम सोमानी ने बताया कि कैबिनेट की इस मंजूरी से बस्तर के औद्योगिक विकास में नये आयाम खुलेंगे। उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा 118 एकड़ जमीन आरक्षित किए जाने से छोटे और मध्यम उद्योगों की स्थापना में सुविधा होगी। क्षेत्र में सहायक उद्योगों के विकास से न केवल स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।"


उन्होंने आगे बताया कि नियानार में भूमि आरक्षित होने से आने वाले समय में उद्योगपतियों को इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए एक उपयुक्त वातावरण मिलेगा, जो बस्तर के औद्योगिक और आर्थिक विकास को गति देगा। इस भूमि पर लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों की स्थापना से स्थानीय युवाओं को उनके क्षेत्र में ही रोजगार मिल सकेगा और बस्तर के व्यवसायिक विकास में नई संभावनाएं जन्म लेंगी।


उद्योगपतियों और व्यापारियों में खुशी की लहर :

राज्य सरकार के इस निर्णय से बस्तर के व्यापारी वर्ग में खुशी का माहौल है। बीसीसीआई के अनुसार, औद्योगिक ढांचे में सुधार और सुविधाजनक व्यापारिक माहौल के निर्माण से बस्तर का चेहरा बदलने की उम्मीद की जा रही है। बस्तर के व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि यह कदम क्षेत्र को एक औद्योगिक हब बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा।


क्षेत्र के व्यापारियों और उद्यमियों का मानना है कि इस फैसले से न केवल बस्तर का विकास होगा, बल्कि राज्य के औद्योगिक विकास को भी एक नई दिशा मिलेगी।

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