जगदलपुर : डिमरापाल में केन्द्र और राज्य सरकार की सहायता से निर्मित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संचालन और देखरेख को लेकर चर्चा तेज हो गई है...
जगदलपुर : डिमरापाल में केन्द्र और राज्य सरकार की सहायता से निर्मित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संचालन और देखरेख को लेकर चर्चा तेज हो गई है। भाजपा नेता और पूर्व विधायक संतोष बाफना ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को पत्र लिखते हुए इस महत्वपूर्ण परियोजना के संचालन पर सवाल उठाए हैं।
• स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पर जताई चिंता :
बाफना ने अपने पत्र में बस्तर के मौजूदा स्वास्थ्य ढांचे की खामियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जिले का प्रमुख मेडिकल कॉलेज आवश्यक विशेषज्ञ चिकित्सकों और आधुनिक उपकरणों से वंचित है। सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड जैसी सुविधाएं या तो उपलब्ध नहीं हैं या खराब हैं। इस कारण मरीजों को इलाज के लिए विशाखापट्टनम, हैदराबाद और अन्य बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
• सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए विश्वस्तरीय संचालन की मांग :
पूर्व विधायक ने सुझाव दिया है कि डिमरापाल स्थित सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को किसी विश्वस्तरीय संस्थान जैसे अपोलो, फोर्टिस, मैक्स या नारायण हेल्थ को सौंपा जाए। इससे अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, प्लास्टिक सर्जन और रेडियोलॉजिस्ट जैसे विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं मिल सकेंगी। इसके साथ ही उन्होंने आयुष्मान भारत और अन्य सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के तहत मरीजों को निःशुल्क इलाज मुहैया कराने की बात कही।
• एनएमडीसी पर वायदे पूरे करने का दबाव बनाने की अपील :
संतोष बाफना ने एनएमडीसी को उनके पुराने वायदे याद दिलाते हुए नगरनार इस्पात संयंत्र के पास अलग सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल बनाने की मांग की। उन्होंने बताया कि जनता ने 22 एकड़ जमीन केवल इस उद्देश्य से सौंपी थी, लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले में दबाव बनाने का आग्रह किया।
• जन आंदोलन की पृष्ठभूमि :
बाफना ने बताया कि एनएमडीसी के इस वादे के खिलाफ उन्होंने और क्षेत्र की जनता ने 26 दिसंबर 2022 को जन आक्रोश पदयात्रा निकाली थी। लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला है।
• समाजहित में निर्णायक कदम की जरूरत :
बाफना ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से अपील की है कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल को प्रभावी संचालन के लिए सरकारी नियंत्रण में रखते हुए विश्वस्तरीय संस्थान के हाथों सौंपा जाए। साथ ही, एनएमडीसी को नगरनार में अस्पताल निर्माण शुरू करने के लिए निर्देशित किया जाए।
इस पत्र ने बस्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है, जिससे क्षेत्रीय विकास के प्रति शासन की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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