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बस्तर रेल कनेक्टिविटी पर सर्व समाज की महत्वपूर्ण बैठक, सांसद महेश कश्यप ने दिलाया समाधान का भरोसा

जगदलपुर: बस्तर की रेल कनेक्टिविटी और मूलभूत सुविधाओं को लेकर आज एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का नेतृत्व सांसद महेश कश्यप ने किया, जिस...

जगदलपुर: बस्तर की रेल कनेक्टिविटी और मूलभूत सुविधाओं को लेकर आज एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का नेतृत्व सांसद महेश कश्यप ने किया, जिसमें विभिन्न समाज प्रमुख, सामाजिक संगठन के पदाधिकारी, और बस्तर रेल आंदोलन से जुड़े सक्रिय सदस्य बड़ी संख्या में शामिल हुए। यह आयोजन शाम 5 बजे होटल आकांक्षा में हुआ।

बैठक का मुख्य उद्देश्य बस्तर में रेल कनेक्टिविटी की समस्याओं पर चर्चा करना और इन मुद्दों को केंद्रीय स्तर पर प्रभावी रूप से उठाने के लिए रणनीति बनाना था। इस अवसर पर सांसद महेश कश्यप ने समाज के नेताओं को भरोसा दिलाया कि वे बस्तर की रेल सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री और अन्य संबंधित मंत्रियों से चर्चा करेंगे।



सांसद का बयान : “जनता की समस्याओं का जल्द होगा समाधान”

मीडिया से बातचीत के दौरान सांसद महेश कश्यप ने कहा, “बस्तर की जनता लंबे समय से शिक्षा, स्वास्थ्य और विशेष रूप से रेल सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रही है। मैं इस बैठक में आए सभी समाज प्रमुखों का धन्यवाद करता हूं और उन्हें आश्वस्त करता हूं कि उनकी समस्याओं को लेकर मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं। शीतकालीन सत्र में इन मुद्दों को प्राथमिकता से उठाया जाएगा।”


उन्होंने यह भी बताया कि समलेश्वरी और हीराकुंड जैसी ट्रेनों का विस्तार बस्तर तक किया गया है, लेकिन अभी भी कई महत्वपूर्ण ट्रेनें इस क्षेत्र तक नहीं पहुंच पा रही हैं। उन्होंने वादा किया कि आने वाले दिनों में और भी ट्रेनें बस्तर से जुड़ेंगी।


दशरथ कश्यप का आक्रोश : “जनता के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं”

बस्तर रेल आंदोलन के वरिष्ठ सदस्य दशरथ कश्यप ने कहा, “आजादी के 78 साल बाद भी बस्तर की जनता को रेल सुविधा जैसी बुनियादी सेवाओं से वंचित रखा गया है। खनिज संपदाओं का लगातार दोहन हो रहा है, लेकिन यहां के लोग बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं। अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन तेज होगा और आर्थिक नाकेबंदी भी की जाएगी।”


सिविल सोसाइटी के गठन की मांग :

वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता ने कहा कि “बस्तर की समस्याओं का समाधान केवल राजनीतिक पार्टियों के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। एक सिविल सोसाइटी का गठन आवश्यक है, जो पार्टी से ऊपर उठकर बस्तर के विकास के लिए सतत रूप से काम करे।”


आंदोलन की रणनीति पर चर्चा :

बैठक में यह तय किया गया कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो व्यापक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। बस्तर रेल आंदोलन के सदस्य किशोर पारेख ने कहा कि “प्रधानमंत्री ने खुद बस्तर में बेहतर रेल कनेक्टिविटी का वादा किया था, लेकिन अब तक वह अधूरा है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।” वहीं वरिष्ठ सदस्य संपत झा ने कहा कि "बस्तर में रेल कनेक्टिविटी की समस्या लंबे समय से अटकी हुई है, लेकिन आज की बैठक से उम्मीद की नई किरण जगी है।"

सांसद महेश कश्यप ने जहां सभी समाजों को साथ लेकर काम करने का वादा किया, वहीं समाज प्रमुखों ने ठोस कार्रवाई के लिए जोर दिया। अब यह देखना होगा कि शीतकालीन सत्र में इन मांगों को कितनी गंभीरता से उठाया जाता है।


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