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नवा रायपुर में श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन का नया केंद्र खुलेगा

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रायपुर :  नवा रायपुर में बच्चों के लिए फ्री हार्ट सर्जरी और इलाज की सुविधा प्रदान करने वाले श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन का एक नया...

रायपुर : नवा रायपुर में बच्चों के लिए फ्री हार्ट सर्जरी और इलाज की सुविधा प्रदान करने वाले श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन का एक नया केंद्र खुलने जा रहा है। इसके लिए नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने भूमि आवंटन की पहल शुरू कर दी है। अब तक रायपुर में स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में 18,000 से ज्यादा बच्चों की मुफ्त सर्जरी की जा चुकी है, जिनमें से 4,000 बच्चे छत्तीसगढ़ राज्य के हैं।
नवा रायपुर में स्थापित होने वाला नया रिसर्च सेंटर अत्याधुनिक तकनीकों से लैस होगा और इसे एक रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इस केंद्र में इलाज के दौरान मरीजों के परिजनों के लिए आवासीय सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी, ताकि वे उपचार के दौरान रह सकें। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में नवा रायपुर को देश का प्रमुख मेडिकल हब बनाने के प्रयास जारी हैं।

इस पहल के तहत एनआरडीए ने श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल को रिसर्च सेंटर के लिए भूमि आवंटित करने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे अब कैबिनेट में लाया जाएगा। इस अस्पताल की खास बात यह है कि यहां पर इलाज के दौरान किसी भी तरह की बिलिंग काउंटर की व्यवस्था नहीं है और न ही किसी प्रकार का रहने-खाने का शुल्क लिया जाता है। यहां इलाज कराने के लिए विदेश से भी मरीज आते हैं।

साल 2022 में स्थापित श्री सत्य साईं संजीवनी रिसर्च फाउंडेशन होमोग्राफ्ट इम्प्लांटेशन, बच्चों की हृदय सर्जरी और दुनिया के सबसे बड़े हार्ट टिशू और सीरम बायो-बैंक का संचालन करता है। इस संस्थान में संगृहीत डाटा बच्चों की हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभा रहा है। हाल ही में कोरबा के एक बच्चे का दिल उत्तर प्रदेश के एक बच्चे को प्रत्यारोपित किया गया, जो अंगदान और चिकित्सा में प्रगति को दर्शाता है।

अब तक इस फाउंडेशन ने 34,000 से अधिक सर्जरी की हैं, जिनमें से 18,000 सर्जरी रायपुर में हुई हैं। 100 बेड वाले श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में रोजाना 200 बच्चों की जांच की जाती है, और यहां पर बच्चों की हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए उच्च गुणवत्ता की फीटल इकोकार्डियोग्राफी की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे गर्भवस्था के दौरान बच्चे के दिल की बीमारी का पता लगाया जा सकता है।

Published by gourav jha

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