राजधानी में राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग की स्थापना उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। अब तक हजारों प्रकरणों का निपटारा आयोग ने...
राजधानी में राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग की स्थापना उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत साबित हो रही है। अब तक हजारों प्रकरणों का निपटारा आयोग ने प्रभावी रूप से किया है। आयोग द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के माध्यम से मामलों की सुनवाई ने न्याय प्रक्रिया को न केवल तेज बल्कि सुलभ भी बना दिया है।
उपभोक्ताओं में जागरूकता और अधिकारों की समझ:
प्रदेश में उपभोक्ता अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ी है। लोग मामूली खर्च, जैसे 10 रुपये के स्टांप, के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। दैनिक जीवन से जुड़े मुद्दे, जैसे बीमा, बैंकिंग और अनुबंध संबंधी विवाद, आयोग के सामने प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्याय में क्रांति:
राज्य उपभोक्ता आयोग ने अप्रैल 2024 में केंद्र सरकार की मदद से उच्च तकनीकी वीसी सेट प्राप्त किया। इसके बावजूद, आयोग ने दिसंबर 2023 से ही सीमित संसाधनों के साथ वीसी सुनवाई प्रारंभ कर दी थी। अब तक 323 प्रकरणों की सुनवाई हो चुकी है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। यह सस्ता और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख प्रकरण और न्यायिक फैसले:
1. कांकेर निवासी सुरजोतिन जैन का मामला:
पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत प्रीमियम कटौती के बावजूद बीमा दावा खारिज करने पर कैनरा बैंक को मृतका के बेटे धनराज जैन को ₹2 लाख मुआवजा, 7% ब्याज, मानसिक क्षतिपूर्ति ₹20,000 और वाद व्यय ₹5,000 का भुगतान करने का आदेश दिया गया।
2. नया बारद्वार की फुलेश्वरी बाई का मामला:
भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा 14 लाख रुपये की पॉलिसी दावा खारिज करने को सेवा में कमी माना गया। आयोग ने मानसिक क्षतिपूर्ति ₹15,000 और वाद व्यय ₹3,000 के साथ पूरी दावा राशि लौटाने का आदेश दिया।
3. सिल्वर टूर पैकेज विवाद:
तेलीबांधा निवासी विक्की तोलानी के 45,000 रुपये की टूर पैकेज राशि और वाद व्यय ₹5,000 लौटाने का आदेश दिया गया। कंपनी ने अनुचित शर्तों के साथ पैकेज रद्द किया था।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर संदेश
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसंबर) पर यह स्पष्ट हो गया है कि उपभोक्ता अधिकार केवल कागजों पर नहीं हैं। राज्य उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ताओं को उनके अधिकार दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। आयोग की सक्रियता ने उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाया है कि वे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं और न्याय प्राप्त कर सकते हैं।
इस पहल से उपभोक्ताओं को सस्ता और तेज न्याय मिलने की राह प्रशस्त हो रही है, जो उपभोक्ता संरक्षण कानून की सार्थकता को दर्शाती है।
लेख: गौरव झा
No comments