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छत्तीसगढ़ / आइये जानें हाईकोर्ट के स्कूल की फीस और शिक्षकों के वेतन संबंधी फैसले के मुख्य बिंदु

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बिलासपुर। बीते दिन हाइकोर्ट ने स्कूल की फीस एवं शिक्षको की तनख्वाह को लेकर अलग अलग आदेश जारी किए थे, हाल ही में कोर्ट में दायर की गई याचिका ...

बिलासपुर। बीते दिन हाइकोर्ट ने स्कूल की फीस एवं शिक्षको की तनख्वाह को लेकर अलग अलग आदेश जारी किए थे, हाल ही में कोर्ट में दायर की गई याचिका के बाद नए फैसले के बारे में आइये समझते है।


निजी स्कूलों की याचिका पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति दी है। कोर्ट ने यह भी सुनिश्चित करने कहा है कि आर्थिक संकट के कारण जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर सकते हैं, उनसे आवेदन लेकर पात्र मिलने पर छूट दी जाए।

मैनेजमेंट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने वकील आशीष श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। राज्य शासन का आदेश है कि फीस न ली जाए, लेकिन स्टाफ का वेतन देना अनिवार्य किया है। बिना फीस लिए वेतन देना कैसे संभव होगा? मामले की सुनवाई जस्टिस पी. सैम कोसी की सिंगल बेंच में 9 जुलाई को हुई थी जिस पर सोमवार को आदेश आया है। 

आइये एक नजर में समझें हाईकोर्ट का फैसला

- ट्यूशन फीस के अलावा अन्य शुल्क लेने पर कार्रवाई होगी

- ऑनलाइन क्लास जारी रहेंगी

- किसी भी स्टाफ को नौकरी से न निकालने का आदेश

- सभी को नियमित वेतन भी दिया जाएं

- स्कूल प्रबंधक फीस भी नहीं बढ़ा सकते

- जो पालक फीस नहीं दे सकते उन्हें छानबीन के बाद मिले छूट

- इसके लिए पालक को देना होगा आय का विवरण

- छूट सीमित समय के लिए होगी

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