• शालाओं में बच्चे नहीं जाते, शिक्षक नशे में रहते है मदमस्त • चार दिन पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने सख्त कार्यवाही करने का दिया ...
• शालाओं में बच्चे नहीं जाते, शिक्षक नशे में रहते है मदमस्त
• चार दिन पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने सख्त कार्यवाही करने का दिया था आश्वासन
• कल सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने भी कार्यवाही करने का दिया आश्वासन
• दुरस्त ग्रामों में शिक्षा व्यवस्था लचर
• पूरे जिले से नशेड़ी शिक्षक और आश्रम अधीक्षकों की शिकायत लगातार आ रही
जगदलपुर (वेदांत झा) : विकासखंड लोहंडीगुड़ा के ग्राम पंचायत पालम के पुसपाल में संचालित सरकारी प्राइमरी और मिडिल स्कूल में कार्यरत एक शिक्षक अपने कार्यालयीन समय में नशे में धुत्त पाया गया था। पता चला कि उक्त शिक्षक ने पिछले वर्ष अपनी ज्वाइनिंग के बाद से ही कई महीनों से नदारद था, और उसी दिन वापिस आया था। जिसपर ग्राम सरपंच और मीडियाकर्मी विमलेंदु शेखर झा ने शाला पहुंच कर शिक्षक से बात चीत की। जिसका वीडियो भी बनाया गया था। वीडियो में उक्त शिक्षक ने शराब पिए होने की बात स्वीकारी और आगे ड्यूटी पर शराब पीकर नही आऊंगा कहा।
उस घटना के कुछ दिनों बाद पता चला की वह शिक्षक फिर से शाला से लगातार अनुपस्थित है। मीडियाकर्मियों ने ग्रामीण बच्चों के साथ हो रहे ऐसे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए, चार दिन पहले जगदलपुर में जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान से मुलाकात कर उन्हें मामले की जानकारी दी, और नशेड़ी शिक्षक का वीडियो दिखाया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया गया की इस शिक्षक पर तत्काल सख्त कार्यवाही की जायेगी। बता दें इन स्थानों की शालाएं शिक्षक विहीनता से पहले ही जूझ रहें हैं, ऐसे में इस तरह की घटना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। इसी तारतम्य में कल लोहंडीगुड़ा के सहायक खंड शिक्षा अधिकारी सुरेंद्र कश्यप ने चर्चा में उन्होंने भी जल्द ही शिक्षक की शिकायत पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही। क्योंकि ऐसा ही माहौल जिले में कई शालाओं और आश्रमों में हैं। जहां स्थानीय लोगों द्वारा बताया जाता है कि कार्यालयीन समय में वहां के कर्मचारी नशे में धुत्त रहते है, कही कही शिक्षक मुर्गा लड़ाई में पैसे लगाने के भी शौकीन हैं। इसी तरह जिले में संचालित एक बालक आश्रम की शिकायत मिली जहां अधीक्षक द्वारा मुख्य द्वार पर ताला लगा कर, भीतर कुछ लोगों के साथ रोज जुआ खेलने की जानकारी ग्रामीणों द्वारा दी गई। लेकिन जब तक वहां देखने लोग पहुंचते, मुख्य द्वार का ताला खोलते खोलते वहां सब कुछ छिपा दिया जाता है। सबूतों के अभाव में आज तक कोई शिकायत उच्चाधिकारियों तक नहीं हो पाई। अब देखना है की आखिर कब तक इस शिक्षक पर कार्यवाही होगी।
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