• वन परिक्षेत्र करपावंड में हो रही सागौन वृक्षो की अवैध कटाई • वन अधिकारीयो, कर्मचारियों के नाक के नीचे हो रही तस्करी • डीएफओ से मिलकर दी ग...
• वन परिक्षेत्र करपावंड में हो रही सागौन वृक्षो की अवैध कटाई
• वन अधिकारीयो, कर्मचारियों के नाक के नीचे हो रही तस्करी
• डीएफओ से मिलकर दी गई मामले की जानकारी
• जल्द कार्यवाही करने का दिया आश्वासन
जगदलपुर : बस्तर वन विभाग के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र करपावण्ड के आश्रित ग्राम फरसरा के आस पास बड़े पैमाने पर हो रहे सागौन वृक्षों की अवैध कटाई पर प्रशासनिक चुप्पी कई सवालों को खड़े कर रही है।
हमे सूचना मिली थी कि वन परिक्षेत्र करपावंड के ग्राम फरसरा के आसपास के जंगलों से कीमती इमारती वृक्ष सागौन की बड़े पैमाने पर अवैध कटाई हो रही है। सूचना पर संज्ञान लेते हुए हमारी टीम 18 मार्च को अपने कुछ पत्रकार साथियो के साथ कटाई स्थल पर गई। वहाँ हमने पाया कि 40-50 एकड़ के बड़े भूखंड में लगे, जंगल में से सिर्फ सागौन वृक्षों की ही लगभग 150 से अधिक पेड़ों की कटाई की गई है। जिसकी लकड़ियां उठा ली गईं थीं और केवल ठूंठ ही शेष रह गया है। इतने बड़े पैमाने पर हो रही कटाई से वन अमला अनभिज्ञ है। यह बात कई बड़े सवाल खड़े करती है।
इसका सीधा सीधा मतलब है कि वन परिक्षेत्र करपावंड में तैनात वन अधिकारी एवं कर्मचारी कर्तव्य को लेकर निष्क्रिय हैं। या इस अवैध कटाई के भ्रष्टाचार में कही न कही उनकी भी मिलीभगत है। दोनो ही स्थितियां पर्यावरण और बस्तर के लिए अत्यंत गंभीर है। एक ओर जहाँ सरकारे प्रति वर्ष देश मे वन रकबा बढ़ाने एवं वनो को बचाने के लिए हजारो करोड़ रुपये खर्च करती हैं। ऐसे मे बस्तर वनमंडल मे कीमती वृक्षो की हो रही अवैध कटाई की भनक तक संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को न लगना उनके गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को प्रदर्शित करता है।
आज डीएफओ से हुई मुलाकात में उन्होंने कहा कि "हमे जानकारी मिली है कि उस क्षेत्र में अवैध कटाई हुई है। जानकारी मिलते ही तत्काल हमने एसडीओ स्तर के अधिकारियों की एक जांच कमिटी गठित कर, जांच करने के लिए कहा गया है। जिसपर जांच चल रही है और जो भी रिपोर्ट आएगा उससे आपको अवगत करा दिया जायेगा।" अब देखना होगा की करपावंड परिक्षेत्र में पदस्थ वन अमले के गैर जिम्मेदाराना आचरण पर सरख्त कार्यवाही होगी या नहीं।

No comments