जगदलपुर : एक ओर जहां राज्य और केन्द्र की सरकारें ग्रामीणों को उनके ग्राम में ही रोजगार उपलब्ध करवाने की बहुतेरे प्रयास कर रही हैं वहीं जिम...
जगदलपुर : एक ओर जहां राज्य और केन्द्र की सरकारें ग्रामीणों को उनके ग्राम में ही रोजगार उपलब्ध करवाने की बहुतेरे प्रयास कर रही हैं वहीं जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी सरकारों के प्रयासों को पलीता लगाने में बाज नही आते है। ऐसा ही एक ताजा मामला बकावंड जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भेजरीपदर का है, जहां एक ग्रामीण लैखन ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बकावंड से एक लिखित शिकायत की है, कि उसके बड़े पिता श्री मनीराम पिता धनसाय के नाम पर मनरेगा के अंतर्गत एक डबरी निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई थी, लेकिन रोजगार सहायक द्वारा बिना डबरी निर्माण करवाए ही अपने परिजन, सरपंच श्यामवती एवं अन्य लोगो के नाम पर फर्जी मस्टर रोल बनाकर भुगतान करा दिया गया। जब इस मामले की सत्यता जानने हमारी टीम ग्राम पंचायत भेजरीपदर पहुंची तब हमारी टीम को ग्रामीण लैखन ने बताया कि "यह बात सही है कि कुछ लोगों ने मिलकर मनरेगा के तहत यहां डबरी निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। यह जमीन मेरे बड़े पिताजी स्वर्गीय मनीराम पिता धनसाय के नाम पर है। यहां डबरी निर्माण के नाम पर आए पैसे का सरपंच, रोजगार सहायक और दूसरे लोगों ने बंदरबाट किया है। जिसमे वे खुद और उसके परिवार के लोगों का नाम भी मस्टर रोल में मजदूरों की सूची में दर्ज है। जबकि सच्चाई ये है कि यहां एक फावड़ा भी नही चलाया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि "जब मैने इसकी शिकायत पंचायत में की तो पहले तो वे लोग जल्द ही डबरी बन जाएगा कहते थे, लेकिन बाद में अभद्रता के साथ बोले 'जा प्रधानमंत्री से शिकायत कर की वहां निर्माण नहीं हुआ है।' इसके बाद मजबूरन मुझे जनपद में शिकायत करनी पड़ी। मेरे परिवार को मार पीट की भी धमकी दी गई है।"
बता दें भेजरीपदर निवासी लैखन ने इसी माह की चार तारीख को शिकायत की थी। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन शिकायतकर्ता के पत्र पर कोई जांच करवाती है या लैखन का परिवार असुरक्षित माहौल में रसूखदारों के बीच रहने को मजबूर रहेगा?
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