Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

कब तक जश्न के शोर में अपने मूल अधिकार से वंचित आदिवासियों की दर्द को दबाया जाएगा,अनुसूचित क्षेत्र में स्थानीय भर्ती बंद पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों शांत-भरत कश्यप

यह भी पढ़ें -

बस्तर को रोजगार,पलायन कुपोषण जैसे समस्याओं से कब मुक्ति मिलेगी,कब तक झिरिया के पानी पीकर बीमार होते रहेंगें यहाँ के हमारे अपने ज...

Slide 1
Slide 2
Slide 3
बस्तर को रोजगार,पलायन कुपोषण जैसे समस्याओं से कब मुक्ति मिलेगी,कब तक झिरिया के पानी पीकर बीमार होते रहेंगें यहाँ के हमारे अपने

जगदलपुर :-  जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ "जे" ST प्रकोष्ठ युवा प्रदेशाध्यक्ष के युवा नेता भरत कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बस्तर में आदिवासियों को हक़ दिलाने एवं विकास के नाम पर राजनीति करने वाले पार्टियों के साथ मौजूदा सरकार के सामने हकीकत रखते हुए अनेक सवाल उठाते हुए कहा है कि रोजगार,पलायन कुपोषण जैसे समस्याओं से कब मुक्ति मिलेगी? श्री भरत कश्यप ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार आदिवासी दिवस पर आदिवासियों के जख्म पर मरहम लगाने, के युवा नेता भरत कश्यप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बस्तर में आदिवासियों को हक़ दिलाने एवं विकास के नाम पर राजनीति करने वाले पार्टियों के साथ मौजूदा सरकार के सामने हकीकत रखते हुए अनेक सवाल उठाते हुए कहा है कि रोजगार,पलायन कुपोषण जैसे समस्याओं से कब मुक्ति मिलेगी? श्री भरत कश्यप ने कहा कि प्रदेश की भूपेश सरकार आदिवासी दिवस पर आदिवासियों के जख्म पर मरहम लगाने का प्रयास कर रही है जबकि यहां बुनियादी समस्याओं के बीच बस्तर के आदिवासी जूझ रहे हैं पीने के पानी नहीं जीने के लिए जंगल भी खतरे में है मनरेगा में मजदूरी समय मे नहीं मिल रहा ऑन लाइन भुगतान जी का जंजाल बना है इसीलिए बेतहाशा पलायन जारी है बस्तर मूल के लोग आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तमिलनाडु जा रहे हैं घरों में ताले लटके हैं कुपोषण की स्थिति गंभीर है 2019 में मुख्यमंत्री जी ने कहा था समस्या विरासत में मिली है हम इसे खत्म करने प्रतिबद्ध है कहां गई प्रतिबद्धता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पोषण मिशन पुनर्वास केंद्र की योजनाएं हैं परंतु कमी कहां है शासन और प्रशासन के बीच तालमेल का अभाव है इसी के बीच आदिवासी पीस रहे हैं,झिरिया के पानी पीकर जीने विवश है मलेरिया के शिकार हो रहे है पर अस्पताल जाने आज भी सड़कों की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के साथ सरकार के लिए ऐसे में विकास के खोखले दावे करने की वजह क्या काम नहीं करना चाहिए! कब तक जश्न के शोर में चीख को दबाया जाता रहेगा। आदिवासी दिवस तो तभी सार्थक है जब बस्तर के हर आदिवासी को उनका अधिकार मिल जाए जनता कांग्रेस इस विषय को लेकर सड़क पर संघर्ष कर रही है और हम जनता के साथ मिलकर जनता के हक की लड़ाई आदिवासियों के हक की लड़ाई और बस्तर के हक की लड़ाई जीतेंगे।
Slide 1
Slide 2

No comments