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शव दफन करने को लेकर दो परिवारों के सदस्यों ने मूल आदिवासी समाज में की वापसी, ईसाई पद्धति से शव दफन करने को लेकर था विवाद

जगदलपुर : नानगुर के ग्राम बड़े बोदल के दो परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म से भतरा समाज में वापसी की। समाज वापसी कार्यक्रम के लिए विशेष ग्राम ...

जगदलपुर : नानगुर के ग्राम बड़े बोदल के दो परिवार के सदस्यों ने ईसाई धर्म से भतरा समाज में वापसी की। समाज वापसी कार्यक्रम के लिए विशेष ग्राम सभा में स्थानीय भतरा जनजाति के समाज प्रमुख और पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे। 



इसके लिए पुलिस प्रशासन एवं राजस्व अधिकारी तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा गया था। बता दें गांव के दो परिवारों द्वारा ईसाई धर्म मानने की वजह से आदिवासी समाज के लोग नाराज थे। जिसके लिए विधि विधान और आपसी सहमति से पानी छिड़काव शुद्धिकरण करवा कर घर वापसी किया गया। विवाद की स्थिति तब उत्पन हो गई थी जब इस परिवार की एक महिला की बीमारी के चलते मृत्यु होने पर गांव वालों ने गांव के मरघट में दफनाने से मना कर दिया था। इन सब स्थितियों और मूल आदिवासी परंपराओं से प्रेरित होकर आज दो परिवार मूल धर्म में वापस हो गए। 

समाज में वापिस होने वालों का नाम श्रीनाथ गोयल, महेश राम गोयल है। वापस मूल धर्म में आने से समाज के नाईक पाईक के द्वारा पानी छिड़काव शुद्धिकरण किया गया, उसके बाद गांव के सभी ग्रामीण एवं समाज प्रमुख मिलकर मूल रीति रिवाज के अनुसार सामूहिक मरघट में महिला को दफनाने की अनुमति लेकर अंतिम संस्कार किया गया।

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