जगदलपुर : आज शिवम योग समिति द्वारा परमहंस श्री निरंजनानंद सरस्वती के जन्मदिवस पर धार्मिक आयोजन रखे गए. चेम्बर भवन में सुबह 6 बजे से गायत्र...
जगदलपुर : आज शिवम योग समिति द्वारा परमहंस श्री निरंजनानंद सरस्वती के जन्मदिवस पर धार्मिक आयोजन रखे गए.
चेम्बर भवन में सुबह 6 बजे से गायत्री मन्त्र, महा मृत्युंजय मन्त्र, गुरुपाद स्तोत्र आदि का जाप व भजन आदि के साथ कार्यक्रम हुआ जिसमें बड़ी संख्या में स्वामी जी के अनुयायियों व नागरिकों ने भाग लिया. आरती के पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया.
विश्व प्रसिद्ध बिहार योग के प्रमुख पद्म विभूषण निरंजनानंद जी का जन्म 1960 में राजनांदगाव में हुआ था. मात्र 4 वर्ष की अवस्था में ही आपको गुरुदेव श्री सत्यानन्द सरस्वती जी को सौंप दिया था.
सन् 1971 में वे दशनामी संन्यास परम्परा में दीक्षित हुए, तत्पश्चात् 12 वर्षों तक विभिन्न देशों की यात्राएँ कर विभिन्न संस्कृतियों की गहरी समझ प्राप्त की और सब जगह अपने गुरु के योग-प्रचार कार्य को आगे बढ़ाया। सन् 1983 में गुरु-आज्ञानुसार भारत लौटकर वे बिहार योग विद्यालय, शिवानन्द मठ तथा योग शोध संस्थान की गतिविधियों के संचालन में संलग्न हो गए। सन् 1990 में वे परमहंस-परम्परा में दीक्षित हुए और 1995 में स्वामी सत्यानन्द के उत्तराधिकारी के रूप में उनका अभिषेक किया गया। सन् 1994 में उन्होंने विश्व के प्रथम योग विश्वविद्यालय, बिहार योग भारती; सन् 2000 में योग पब्लिकेशन्स ट्रस्ट तथा सन् 1995 में बच्चों के एक बृहत् योग आन्दोलन, बाल योग मित्र मण्डल का शुभारम्भ किया। मुंगेर में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करने के साथ उन्होंने दुनियाभर के साधकों का मार्गदर्शन करने हेतु व्यापक रूप से यात्राएँ कीं। सन् 2005 में आपकी निश्रा में जगदलपुर में छत्तीसगढ़ योग महोत्सव का भी आयोजन किया गया था.
आज के सत्संग में अनुयायियों ने आपके दीर्घ जीवन की कामना की. अध्यक्ष किशोर पारख ने बिहार योग आश्रम की परंपरा पर प्रकाश डालते हुए सभी का आभार प्रकट किया.
यह भी जानकारी दी गई कि वर्ष 2024 में अनुयायियों का दल रिखिया व मुंगेर के कार्यक्रमों में भाग लेगा.
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