बीजापुर : प्रतिबंधित माओवादी संगठन द्वारा 26 मई, रविवार को बीजापुर जिले में बंद का आह्वान किया गया था, जिसे जनता ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। ...
बीजापुर : प्रतिबंधित माओवादी संगठन द्वारा 26 मई, रविवार को बीजापुर जिले में बंद का आह्वान किया गया था, जिसे जनता ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। नागरिकों और व्यापारियों ने सामान्य दिनों की तरह अपनी दुकानें खोलीं और व्यापार किया। यातायात व्यवस्था और यात्री बसे, ऑटो रिक्शा आदि भी नियमित रूप से संचालित हुए। आम नागरिकों ने भी बंद के विरोध में सक्रिय भागीदारी दिखाई।
नक्सलियों के बंद के आह्वान को नकारा जनता ने |
बीजापुर जिले के नागरिकों ने पहले भी नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद का विरोध किया था, लेकिन इस बार बिना किसी प्रशासनिक हस्तक्षेप के, उन्होंने स्वस्फूर्त होकर बंद को विफल कर दिया। इससे यह स्पष्ट होता है कि जिले के लोग विकास विरोधी तत्वों के खिलाफ एकजुट हैं।
बीजापुर मुख्यालय का साप्ताहिक बाजार भी इस दिन आयोजित हुआ, जिसमें सुदूर गांवों से लेकर अन्य जिलों के नागरिक और व्यापारी पूर्व की तरह आए। बाजार में रौनक और उत्साह देखते ही बनता था। बीजापुर जिला मुख्यालय सहित भोपालपटनम, भैरमगढ़, उसूर और अन्य अंदरूनी क्षेत्रों में नागरिक और व्यापारी बिना किसी भय के अपने व्यवसाय में लगे रहे।
कलेक्टर अनुराग पाण्डेय ने जिले के जनमानस की प्रशंसा की
जिले के कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी अनुराग पाण्डेय ने नागरिकों के सहयोग और हौसले की सराहना की। उन्होंने सभी से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के डर के बिना विकास विरोधी तत्वों के खिलाफ इसी तरह एकजुट रहें और जिले की शांति व्यवस्था और विकास में योगदान दें।
इस बार प्रशासन को बंद को असफल करने के लिए किसी विशेष पहल की आवश्यकता नहीं पड़ी। आम नागरिकों ने ही स्वस्फूर्त होकर नक्सलियों के बंद के आह्वान को पूरी तरह नकार दिया और बंद को असफल बना दिया। इससे यह साबित होता है कि बीजापुर के लोग नक्सलियों के दबाव में आने के बजाय शांति और विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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