• न्यायपालिका का कठोर संदेश: अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुकमा : न्याय की विजय का प्रमाण देते हुए, दंतेवाड़ा के एफटीसी न्यायालय ने एक दु...
• न्यायपालिका का कठोर संदेश: अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
सुकमा : न्याय की विजय का प्रमाण देते हुए, दंतेवाड़ा के एफटीसी न्यायालय ने एक दुष्कर्मी युवक को 20 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है। इस मामले में, युवक ने अपनी प्रेमिका को विवाह का झांसा देकर बलात्कार किया था। न्यायिक प्रक्रिया के दौरान, युवक के खिलाफ पेश किए गए 08 गवाहों के बयान न्यायिक प्रक्रिया में महत्वपूर्ण रहे।
इस मामले का आरंभ सुकमा जिले में रहने वाले गोलू यादव के साथ हुआ। गोलू ने अपनी प्रेमिका को विवाह का वादा किया, लेकिन बाद में उसने उससे बलात्कार किया। जब प्रेमिका गर्भवती हुई, तो उसने गर्भपात करवा दिया, और उसे विवाह के लिए इंकार कर दिया। बाद में, युवक ने किसी और से शादी कर ली।
इस दुष्कर्म के बाद, जब मामला गांव वालों के सामने आया, तो युवक ने शादी का वादा किया, लेकिन बाद में उसने इसे इंकार कर दिया। प्रेमिका ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
एफटीसी न्यायालय में, 08 गवाहों के बयान के आधार पर, न्यायाधीश ने युवक को 20 वर्ष की कड़ी सजा सुनाई। इस फैसले से सामाजिक न्याय की जीत हुई है और इससे एक महत्वपूर्ण संदेश सामाजिक अवस्था को भेजा गया है कि ऐसे अपराधों को न्यायालय कड़ी सजा देकर रोकेगा।
इस घटना ने देश में सामाजिक चरम सेन्सेटिविटी को बढ़ावा दिया है, जिससे ऐसे घटनाओं को रोका जा सकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि समाज में इस तरह की घटनाओं के खिलाफ साक्षरता और समझ का स्तर बढ़ाया जाए।
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