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आवासीय शाला में रहने वाली नाबालिग छात्रा गर्भवती, हॉस्टल अधीक्षिका निलंबित, जांच दल गठित

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कांकेर :  जिले के एक कन्या आवासीय विद्यालय की 16 वर्षीय छात्रा के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। छात्रा उसी विद्यालय के छात्रावास में र...

कांकेर : जिले के एक कन्या आवासीय विद्यालय की 16 वर्षीय छात्रा के गर्भवती होने का मामला सामने आया है। छात्रा उसी विद्यालय के छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी। जब यह मामला छात्रावास की अधीक्षिका विनीता कुजूर को पता चला, तो उसने छात्रा को घर भेज दिया, जहां उसका गर्भपात करवा दिया गया। इस घटना के बाद, जिले के कलेक्टर नीलेश कुमार क्षीरसागर ने अधीक्षिका को निलंबित कर दिया और एक 5 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है, जो दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।



घटना का खुलासा तीन महीने बाद

मामले का खुलासा तीन महीने बाद हुआ। अप्रैल महीने में जब छात्रा का गर्भ बढ़ा, तब अधीक्षिका को इसकी जानकारी हुई। अधीक्षिका ने तुरंत छात्रा को उसके परिजनों के पास भेज दिया, जिन्होंने जिले से बाहर जाकर गर्भपात करवाया। इस घटना की चर्चा गांव में अप्रैल महीने से ही चल रही थी। शुक्रवार, 12 जुलाई को ग्रामीणों ने विधायक विक्रम उसेंडी से शिकायत की, तब यह मामला प्रकाश में आया।


हॉस्टल में सुरक्षा की कमी

जांच में पाया गया कि कन्या आवासीय विद्यालय का छात्रावास एक अस्थाई भवन में चल रहा है, जिसमें सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न तो वहां बाउंड्रीवाल है और न ही रात में वार्डन की उपस्थिति होती है। वार्डन गांव में ही अपने मकान में रहती है और रात को छात्राओं को महिला चपरासी के भरोसे छोड़ देती है। यह घटना झलियामारी कांड के बाद दूसरी घटना है, जिसमें छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं।


कलेक्टर का आदेश और जांच दल का गठन

कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पखांजूर SDM अंजोर सिंह पैकरा की अध्यक्षता में जांच दल गठित किया है। जांच दल को दो दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल, मामले में FIR दर्ज नहीं हुई है और आरोपी की पहचान भी नहीं हो पाई है, क्योंकि अधीक्षिका ने न तो विभाग को सूचना दी और न ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 


यह घटना छात्रावासों में सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती है और प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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