जगदलपुर: 13 जुलाई 2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष कुमार ठाकुर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा नेशनल लोक अदालत का आयोज...
जगदलपुर: 13 जुलाई 2024 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनीष कुमार ठाकुर, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जगदलपुर द्वारा नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार सम्पूर्ण देश में एक ही दिन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य न्यायालयों में लंबित प्रकरणों को कम करना और प्रभावित पक्षकारों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करना है।
• विशेषताएं और उद्देश्य:
नेशनल लोक अदालत का यह आयोजन न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के लिए एक प्रभावशाली कदम है। इस उद्देश्य के लिए जिला न्यायालय बस्तर के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विभिन्न खंडपीठों का गठन किया है, जो विभिन्न प्रकार के मामलों और प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण करेंगे।
• निराकरण के लिए शामिल प्रकरण:
लोक अदालत के माध्यम से निम्नलिखित प्रकार के मामलों का निराकरण किया जाएगा:
- राजीनामा योग्य अपराधिक प्रकरण (धारा 138, परक्राम्य लिखत अधिनियम)
- मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण
- बैंक रिकवरी प्रकरण
- सिविल प्रकरण
- निष्पादन प्रकरण
- विद्युत संबंधी मामले
- पारिवारिक विवाद
इसके अतिरिक्त, राजस्व, बैंक, विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग और नगर पालिका परिषद् में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण भी प्री-लिटिगेशन प्रकरण के रूप में प्रस्तुत किए जाएंगे, जो विधिवत पंजीयन के उपरांत संबंधित पक्षकारों के प्रकरण लोक अदालत खंडपीठ में निराकृत किए जाएंगे।
• जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की अपील:
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बस्तर ने पक्षकारों से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाएं। यह पहल न केवल न्यायालयीन प्रकरणों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करेगी बल्कि पक्षकारों को समय और धन की बचत भी करेगी।
• उम्मीदें और संभावनाएं:
इस नेशनल लोक अदालत के आयोजन से जगदलपुर में लगभग तीस हजार मामलों के निपटारे की उम्मीद है। यह आयोजन न्यायिक प्रणाली में विश्वास बढ़ाने और न्याय की सुलभता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इस प्रकार, नेशनल लोक अदालत ने जगदलपुर के नागरिकों को न्याय की त्वरित और सुलभ सेवा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है। इस आयोजन से न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में कमी आएगी और नागरिकों को त्वरित न्याय मिलने की संभावना बढ़ेगी।
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