आगरा : ताजमहल, दुनिया के सात अजूबों में से एक, में पर्यटकों के लिए नई पाबंदी लगाई गई है। अब ताजमहल के मुख्य मकबरे पर पर्यटकों को पानी की बोत...
आगरा: ताजमहल, दुनिया के सात अजूबों में से एक, में पर्यटकों के लिए नई पाबंदी लगाई गई है। अब ताजमहल के मुख्य मकबरे पर पर्यटकों को पानी की बोतलें ले जाने की अनुमति नहीं होगी। यह प्रतिबंध चमेली फर्श से ऊपर के क्षेत्र में लागू किया गया है। अधिकारियों ने इस फैसले के पीछे का कारण सुरक्षा उपाय और हाल की घटनाओं को बताया है, जहां कुछ समूहों ने ताजमहल को शिव मंदिर बताकर उसमें जल चढ़ाने की कोशिश की।
शनिवार को अखिल भारत हिंदू महासभा के कुछ पदाधिकारियों द्वारा मुख्य मकबरे के तहखाने के ऊपर गंगाजल चढ़ाने की घटना के बाद यह निर्णय लिया गया। इसके बाद सोमवार को महासभा की महिला सभा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने भी गंगाजल चढ़ाया। इन घटनाओं के मद्देनजर प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से कदम उठाते हुए मुख्य मकबरे के पास किसी भी प्रकार की बोतल ले जाने पर पाबंदी लगा दी।
इस कदम का पर्यटक संगठनों और गाइडों ने विरोध किया है। उनका कहना है कि पानी की बोतल पर रोक लगने से पर्यटकों को गर्मी और लंबी कतारों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एक पर्यटक गाइड ने बताया, "ताजमहल घूमने आने वाले सैलानी विशेष रूप से गर्मी के मौसम में पानी की बोतल अपने साथ रखना पसंद करते हैं। नई पाबंदी से उनकी सुविधा प्रभावित होगी।"
प्रशासन का कहना है कि ताजमहल के सौंदर्य और पवित्रता को बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह फैसला महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि ताजमहल के अंदर पर्याप्त पानी के कूलर उपलब्ध हैं, जिससे पर्यटकों को परेशानी नहीं होगी।
पर्यटन संस्थाओं ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस निर्णय पर पुनर्विचार करें और पर्यटकों की सुविधा के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार करें। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और चर्चा होने की संभावना है, ताकि पर्यटकों और प्रशासन दोनों के लिए एक संतुलित समाधान निकाला जा सके।
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