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बस्तर दशहरा पर्व का प्रथम विधान: पाट जात्रा कार्यक्रम कल

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जगदलपुर : बस्तर दशहरा पर्व, जो अपनी अद्वितीयता और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है, का पहला विधान, पाट जात्रा कार्यक्रम, ...

जगदलपुर : बस्तर दशहरा पर्व, जो अपनी अद्वितीयता और समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है, का पहला विधान, पाट जात्रा कार्यक्रम, इस वर्ष 4 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। यह कार्यक्रम हरियाली अमावस्या के दिन, माँ दंतेश्वरी मंदिर के सामने प्रातः 11 बजे प्रारंभ होगा।



इस पवित्र अवसर पर बस्तर संभाग के सभी गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति देखी जाएगी, जिसमें मांझी, चालकी पुजारी, रावत, मेम्बर-मेम्बरीन, और तदर्थ टेम्पल कमेटी के सदस्य शामिल होंगे। स्थानीय जन समुदाय भी इस आयोजन का हिस्सा बनेगा, जिससे यह कार्यक्रम और भी भव्य बन जाएगा।


पाट जात्रा कार्यक्रम बस्तर दशहरा पर्व की शुरुआत का प्रतीक है और इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला शुरू होती है जो इस पर्व को अनूठा बनाती हैं। यह कार्यक्रम न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह समुदाय के लोगों को एकजुट करने और उनकी सांस्कृतिक विरासत को संजोने का भी काम करता है।


बस्तर दशहरा पर्व का यह पहला चरण स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होता है। यह पर्व बस्तर की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की जीवंत तस्वीर पेश करता है, जिसमें अनुष्ठान, संगीत, नृत्य और पारंपरिक कलाएं शामिल होती हैं। 


दशहरा पर्व के इस शुभारंभ के साथ, बस्तर की जनता और यहां आने वाले श्रद्धालु अगली कई हफ्तों तक चलने वाले उत्सवों और गतिविधियों का आनंद लेने के लिए तैयार हैं। इस वर्ष के आयोजन में विशेष कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है, जो दशहरा पर्व के आकर्षण को और बढ़ाएंगे।

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