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युक्तियुक्तकरण पर बैठक बेनतीजा, शिक्षक संगठनों का पुरजोर विरोध जारी, 9 सितंबर को बंद का ऐलान

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर चल रही चर्चाओं में कोई समाधान नहीं निकल पाया है। मंगलवार को आयो...

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर चल रही चर्चाओं में कोई समाधान नहीं निकल पाया है। मंगलवार को आयोजित बैठक में स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी और 11 शिक्षक संगठनों के नेताओं के बीच यह मुद्दा गरमाया रहा। बैठक के बाद भी दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं हो सका।




शिक्षक संगठनों का विरोध :  

शिक्षक संगठनों ने स्पष्ट रूप से सरकार की योजना का विरोध किया और कहा कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार से इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। शिक्षकों का कहना है कि सरकार के इस कदम से उनकी नौकरी और स्थानांतरण प्रक्रिया प्रभावित होगी, जिससे उनकी कार्यशैली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


बैठक की प्रमुख बातें :  

इंद्रावती भवन में डीपीआई के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, शिक्षक नेताओं को मंत्रालय ले जाया गया, जहां स्कूल शिक्षा सचिव के साथ उनकी बातचीत हुई। सचिव ने शिक्षकों को राज्य के पिछड़े इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण को आवश्यक बताया, लेकिन शिक्षक संगठनों ने इसे मानने से इंकार कर दिया।


आंदोलन की तैयारी :  

शिक्षक संगठनों ने सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। इसके तहत 9 सितंबर को राज्यव्यापी बंद का आयोजन किया जाएगा। संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को वापस नहीं लेती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।


सरकार की चिंताएं :

सरकार का तर्क है कि युक्तियुक्तकरण से राज्य के दूरस्थ और पिछड़े इलाकों में शिक्षा का स्तर सुधरेगा और छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि यह प्रक्रिया उनकी व्यावसायिक स्थिरता और अधिकारों को खतरे में डाल रही है।


अगली रणनीति :

बैठक के बेनतीजा समाप्त होने के बाद, सरकार और शिक्षक संगठनों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। आगे की रणनीति तय करने के लिए शिक्षक संगठन अपने सदस्यों के साथ बैठक कर रहे हैं। 


अब देखना यह होगा कि सरकार और शिक्षक संगठन इस मुद्दे पर किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। लेकिन फिलहाल, स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और शिक्षा व्यवस्था पर इसका असर पड़ सकता है।

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