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नौकरी के नाम पर बड़े पैमाने पर पैसों की उगाही, प्रशासन की नाक के नीचे युवाओं से रोजगार के नाम पर धोखा

जगदलपुर: बस्तर के बेरोजगार युवाओं को रोजगार का झांसा देकर पैसों की लूट का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह धोखाधड़ी एक निजी संस्था 'मां द...

जगदलपुर: बस्तर के बेरोजगार युवाओं को रोजगार का झांसा देकर पैसों की लूट का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह धोखाधड़ी एक निजी संस्था 'मां दंतेश्वरी सेवा आश्रा जगदलपुर' द्वारा की जा रही है, जो प्रशासन की नाक के नीचे बेरोकटोक चल रही थी। मार्च 2024 में इस संस्था ने 1820 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी, जिसके लिए बेरोजगार युवाओं से 300 से 450 रुपये आवेदन शुल्क लिया गया। 




बस्तर और छत्तीसगढ़ के सैकड़ों बेरोजगार युवाओं ने इस भर्ती के लिए आवेदन किया, और फीस के रूप में लाखों रुपये जमा किए। लेकिन आज तक किसी भी आवेदक को नौकरी नहीं मिली है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह एक बड़ा फर्जीवाड़ा है। मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित ने बस्तर के कलेक्टर से शिकायत की और जांच की मांग की।


संस्था की संदिग्ध गतिविधियां :

हमारे संवाददाता द्वारा की गई जांच में पता चला कि 'मां दंतेश्वरी सेवा आश्रा' का पंजीयन 2018 में सहायक पंजीयक कार्यालय, जगदलपुर में हुआ था। हालांकि, संस्था ने 2018 से अब तक अपने वार्षिक आय-व्यय और बैलेंस शीट जमा नहीं किए हैं, जो कानूनन अनिवार्य है। यह स्थिति संस्था की पारदर्शिता और वैधता पर गंभीर सवाल खड़े करती है। 




जब रोजगार कार्यालय जगदलपुर से इस भर्ती के बारे में जानकारी मांगी गई, तो उन्होंने इस प्रकार की किसी भी जानकारी से इनकार किया, जिससे स्पष्ट हुआ कि यह पूरा मामला फर्जीवाड़ा था।


प्रशासन की कार्रवाई :

शिकायतकर्ता की अपील पर, बस्तर के कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। सहायक पंजीयन कार्यालय और सोसाइटी जगदलपुर को इस जांच का जिम्मा सौंपा गया है। 


इस घटनाक्रम ने जगदलपुर में निजी संस्थाओं द्वारा चल रहे अवैध रोजगार फर्जीवाड़े पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेरोजगार युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगना एक गम्भीर अपराध है, और प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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