जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज ने आज राज्यभर में आदिवासी समुदाय पर हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक ...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के सर्व आदिवासी समाज ने आज राज्यभर में आदिवासी समुदाय पर हो रहे अत्याचार और उत्पीड़न के खिलाफ सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन आदिवासियों पर हो रहे लगातार अत्याचारों और प्रशासन द्वारा उचित न्याय न मिलने के विरोध में किया गया, जो जगदलपुर के सिरहसार के पास आयोजित किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार और प्रशासन से इन जघन्य घटनाओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रदर्शनकारियों ने बस्तर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें आदिवासी समाज पर हो रही कई घटनाओं का उल्लेख किया गया है। ज्ञापन में आदिवासी समाज के साथ हो रही घटनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें आदिवासी युवतियों से हत्या, अपहरण और नक्सलियों द्वारा जन अदालत में दी जा रही फांसी जैसी घटनाओं पर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं।
• प्रमुख घटनाएँ जिन पर न्याय की मांग की गई :
1. सरस्वती कड़ियामी की हत्या (बीजापुर): 10 अगस्त 2024 को 33 वर्षीय आदिवासी युवती सरस्वती कड़ियामी की निर्मम हत्या की गई थी। पुलिस थाना से मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर हुई इस घटना के बाद भी एक माह बीतने के बावजूद अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
2. दुधमुंहे बच्चे का अपहरण (दंतेवाड़ा): 1 सितंबर 2024 को पोदुम गांव से एक 6 माह के बच्चे का अपहरण किया गया था। 15 दिनों की खोजबीन के बावजूद पुलिस अभी तक बच्चे का पता लगाने में असमर्थ रही है।
3. नक्सलियों द्वारा फांसी की सजा (बीजापुर और सुकमा): नक्सलियों द्वारा भैरमगढ़ और जगरगुड़ा में दो अलग-अलग घटनाओं में तीन आदिवासी युवकों को पुलिस मुखबरी के आरोप में जन अदालत लगाकर पेड़ से फांसी पर लटका दिया गया। प्रशासन और पुलिस की इसपर चुप्पी आदिवासी समाज में आक्रोश पैदा कर रही है।
4. संदीप लकड़ा की हत्या (अम्बिकापुर): एक माह पूर्व आदिवासी युवक संदीप लकड़ा की हत्या कर पानी टंकी के नीचे दफनाया गया था। आज तक हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
5. बुधसिंग नेताम का तड़ीपार (कोण्डागांव): समाज के मुखिया और संगठन के सदस्य बुधसिंग नेताम को गैर-आदिवासियों के षड्यंत्र के तहत संभाग से निष्कासित किया गया था, जिसके खिलाफ आदिवासी समाज ने विरोध जताया है।
ज्ञापन में इन सभी घटनाओं की निष्पक्ष जांच और अपराधियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। आदिवासी समाज ने जल, जंगल, जमीन और जीवन की सुरक्षा के लिए न्याय की गुहार लगाई है।
प्रदर्शन के दौरान आदिवासी समाज के नेताओं ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि प्रशासन आदिवासी समुदाय के साथ होने वाले अपराधों को नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इन मामलों में उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आदिवासी समाज बड़ा आंदोलन करेगा।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी समाज की यह मांग राज्य के प्रशासनिक तंत्र और कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रही है, और इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।
आज हुए धरना प्रदर्शन में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय कार्यकारी अध्यक्ष राजाराम तोड़ेम (पूर्व विधायक-बीजापुर), जिला अध्यक्ष दशरथ सिंह कश्यप, जिला सचिव नीलकुमार बघेल, कौशल नागवंशी, सोनसाय कश्यप, प्रेमनाथ नाग, श्रीमती चमेली जिराम, महादेव बघेल, राजूराम कश्यप और बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं समाज प्रमुख मौजूद थे।
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