• छात्र की माता के साथ एनएसयूआई ने कोतवाली थाना पहुंचकर की शिकायत : जगदलपुर : बस्तर जिले में एक गंभीर शिक्षा संबंधित मुद्दा सामने आया है, ...
• छात्र की माता के साथ एनएसयूआई ने कोतवाली थाना पहुंचकर की शिकायत :
जगदलपुर : बस्तर जिले में एक गंभीर शिक्षा संबंधित मुद्दा सामने आया है, जहां एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) ने शनिवार को कोतवाली थाने में एक निजी शिक्षण संस्थान बाल विहार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य और शिक्षण समिति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया। आरोप है कि शाला प्रबंधन ने जानबूझकर 9वीं कक्षा के छात्र कन्हैया सोनी का नाम माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर में नामांकन के लिए नहीं भेजा, जिससे वह 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा।
छात्र की विधवा मां, ज्योत्सना सोनी, ने पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष भी उनके बेटे को अनावश्यक रूप से टीसी देकर पढ़ाई से वंचित किया गया था। यह घटनाक्रम लगातार दो वर्षों से चल रहा है, जिससे छात्र का भविष्य दांव पर लग गया है।
एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष विशाल खंबारी ने कहा कि एक गरीब अनाथ छात्र के साथ जानबूझकर अत्याचार किया जा रहा है। खंबारी ने आरोप लगाया कि बाल विहार विद्यालय के प्राचार्य और गुजराती शिक्षण समिति के पदाधिकारियों ने जानबूझकर छात्र का नामांकन नहीं भेजा। उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले वर्ष छात्र की मां को शाला सचिव विकास चावड़ा द्वारा अपमानित भी किया गया था, जिसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से की गई है।
• शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया :
जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल ने भी विद्यालय की इस मनमानी पर ध्यान दिया है और कलेक्टर को इसकी मान्यता रद्द करने की सिफारिश की है। शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी नोटिस के जवाब में शाला प्रबंधन ने अपनी गलतियां स्वीकार करते हुए खेद जताया, लेकिन इस दौरान योग्य व्याख्याता के रहते हुए अपात्र यूडीटी (अवर श्रेणी शिक्षक) को प्राचार्य का प्रभार दिया गया, जो और भी सवाल खड़े करता है।
एनएसयूआई का कहना है कि प्रभारी प्राचार्य विजय शर्मा, जो कुछ महीने पहले तक परीक्षा प्रभारी और मिडिल स्कूल के हैडमास्टर थे, ने जानबूझकर छात्र का नाम बोर्ड में नहीं भेजा, जो एक आपराधिक मामला बनता है। इस घटना के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है।
एनएसयूआई ने पुलिस अधिकारियों से विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस थाने के प्रभारी शिवानंद सिंह ने बताया कि पिछले साल दिए गए आवेदन और उस पर की गई कार्रवाई की जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया जाएगा।
इस मामले में एनएसयूआई के पदाधिकारी और सदस्य, जैसे कि प्रदेश महासचिव मनोहर सेठिया, ग्रामीण जिलाध्यक्ष नीलम कश्यप, और पूर्व प्रवक्ता उस्मान रज़ा समेत कई अन्य भी मौजूद थे।
अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है और छात्र को न्याय दिलाने के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं।
No comments