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बचेली-किरंदुल में नजूल भूमि की अवैध खरीद-बिक्री का गंदा खेल, आदिवासी समाज ने उठाई कार्रवाई की मांग

दंतेवाड़ा (कृष्णा मंडल) :  बचेली और किरंदुल क्षेत्र में सरकारी नजूल भूमि की अवैध खरीद-बिक्री का बड़ा मामला सामने आया है। आदिवासी समाज ने इस ...

दंतेवाड़ा (कृष्णा मंडल) : बचेली और किरंदुल क्षेत्र में सरकारी नजूल भूमि की अवैध खरीद-बिक्री का बड़ा मामला सामने आया है। आदिवासी समाज ने इस गड़बड़झाले को उजागर करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कमाल किशोर को शिकायत पत्र सौंपा है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुछ प्रभावशाली लोग सरकारी जमीनों को लाखों रुपये में बेच रहे हैं और इस काम को स्टाम्प पेपर के जरिए वैध बनाने की कोशिश कर रहे हैं।



आदिवासी समाज की शिकायत :

ग्रामीण आदिवासियों ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि यह अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है। उनका कहना है कि इन रसूखदारों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाकर उन्हें बेचने का सिलसिला शुरू कर दिया है, जिससे स्थानीय गरीब आदिवासी समुदाय को भारी नुकसान हो रहा है।

शिकायतकर्ताओं ने कहा, "हमारे समाज की अमूल्य जमीनों को गैर-कानूनी रूप से बेचा जा रहा है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है।"


पटवारी और तहसीलदार की भूमिका पर सवाल :

शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्थानीय पटवारी और तहसीलदार को इस बड़े पैमाने पर चल रहे अवैध कार्य की कोई जानकारी नहीं है, जो उनके कार्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


ग्रामीणों ने मांग की है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही, नजूल भूमि की अवैध बिक्री से जुड़े सभी दस्तावेजों को जब्त करने की मांग भी की गई है।


प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार :

यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है। आदिवासी समाज ने साफ कर दिया है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो वे उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।


अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाता है और नजूल भूमि की अवैध बिक्री के इस गंदे खेल को रोकने में कितना सफल होता है।


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