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बस्तर ओलंपिक 2024 का भव्य समापन: खेलों के जरिए बस्तर में विकास और बदलाव की नई लहर

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जगदलपुर । बस्तर ओलंपिक 2024 का समापन समारोह ऐतिहासिक जोश और उत्साह के साथ आयोजित हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...

जगदलपुर। बस्तर ओलंपिक 2024 का समापन समारोह ऐतिहासिक जोश और उत्साह के साथ आयोजित हुआ। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन 2026 के ओलंपिक उद्घाटन समारोह में आकर कहूंगा—बस्तर बदल चुका है।" शाह ने नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए 2026 तक क्षेत्र को नक्सलमुक्त बनाने का वादा किया।

खेल से शांति और विकास की नई शुरुआत :

शाह ने बस्तर ओलंपिक को केवल एक खेल आयोजन न मानते हुए इसे "बस्तर के बदलाव और उम्मीदों की पहचान" बताया। उन्होंने कहा कि यह ओलंपिक नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा। यह आयोजन न केवल लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते से दूर रखने का माध्यम है, बल्कि उन्हें भारत निर्माण की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।



मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस आयोजन को "बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव" बताते हुए कहा कि यह आयोजन क्षेत्र के युवाओं को सकारात्मक दिशा देने और माओवादी हिंसा को जड़ से खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


नुवा बाट खिलाड़ियों और दिव्यांग प्रतिभाओं ने जीता दिल :

समापन समारोह की सबसे खास बात यह रही कि इसमें 300 से अधिक नुवा बाट (आत्मसमर्पित माओवादी) और 18 माओवादी हिंसा से प्रभावित दिव्यांग खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। व्हीलचेयर रेस, रस्साकसी और रिले रेस जैसे फाइनल मुकाबले दर्शकों को रोमांचित कर गए। गृह मंत्री शाह ने इसे "बस्तर के विकास की रेस" कहा।



संस्कृति और खेल का अनूठा संगम :

समारोह में बस्तर अंचल की सांस्कृतिक धरोहर भी प्रदर्शित हुई। पारंपरिक नृत्य, नुक्कड़ नाटक और लोक संगीत की प्रस्तुति ने सभी का दिल जीत लिया। कार्यक्रम के दौरान विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिसमें केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री ने मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।


बस्तर बदल रहा है : नक्सल उन्मूलन और विकास की गाथा :

गृह मंत्री ने कहा कि "बस्तर में पिछले एक साल में विकास की नई इबारत लिखी गई है।" उन्होंने डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए बताया कि नक्सल उन्मूलन अभियान में बड़ी सफलता मिली है। पिछले एक साल में 200 से अधिक नक्सली मारे गए, 900 गिरफ्तार हुए, और 812 ने आत्मसमर्पण किया।


मुख्यमंत्री साय ने बताया कि "नियद नेल्लानार योजना" के तहत बस्तर के अंदरूनी गांवों तक सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों, पेयजल और मोबाइल टॉवर जैसी सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और विकास में उनकी भागीदारी की भी सराहना की।


बस्तर के युवाओं के लिए नए अवसर :

शाह ने कहा कि बस्तर के आदिवासी बच्चों में विश्वस्तरीय खिलाड़ी बनने की क्षमता है। उन्होंने विश्वास जताया कि 2026 में बस्तर की बेटियां ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करेंगी। इसके अलावा, नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर-विज़ाग आर्थिक गलियारे से बस्तर के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।


पर्यटन और संस्कृति को नई पहचान :

मुख्यमंत्री ने कांगेर घाटी के धुड़मारास गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा चुने जाने पर गर्व व्यक्त किया। यह उपलब्धि बस्तर को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित होगी।


खेल और विकास का अनूठा उत्सव :

बस्तर ओलंपिक ने एक बार फिर साबित किया कि खेल केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि बदलाव और विकास का माध्यम हो सकता है। हजारों की संख्या में जुटे खेलप्रेमी और गणमान्य नागरिकों ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।

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