रायपुर :– नगर निगम रायपुर में प्रशासनिक बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मेयर एजाज ढेबर ने 6 जनवरी को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है, जिसके ...
रायपुर :– नगर निगम रायपुर में प्रशासनिक बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। मेयर एजाज ढेबर ने 6 जनवरी को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है, जिसके बाद निगम की कमान प्रशासक के हाथ में जाने की संभावना बढ़ गई है। 29 साल बाद यह पहला मौका होगा, जब नगर निगम प्रशासक के अधीन काम करेगा।
प्रशासक की नियुक्ति पर चर्चा:नगर निगम में प्रशासक के तौर पर रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह या संभाग आयुक्त महादेव कावरे के नामों की चर्चा हो रही है। मेयर का कार्यकाल 5 जनवरी को समाप्त हो रहा है, और महापौर आरक्षण की प्रक्रिया 7 जनवरी को पूरी होगी। ऐसे में प्रशासक को अस्थायी रूप से निगम का कार्यभार सौंपा जा सकता है।
मतदाता सूची में बदलाव और चुनाव प्रक्रिया:
महापौर आरक्षण की तिथि 27 दिसंबर से बढ़कर 7 जनवरी हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि आचार संहिता 31 दिसंबर से पहले लागू नहीं होने से मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया करनी होगी। एक जनवरी के बाद 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले नए मतदाताओं को सूची में जोड़ने के लिए पुनरीक्षण जरूरी होगा, जिससे चुनाव में समय लग सकता है।
इतिहास में प्रशासक की भूमिका:
नगर निगम में 1985 से 1995 के बीच सात प्रशासकों ने जिम्मेदारी संभाली थी। इनमें ओंकार प्रसाद दुबे, अजयनाथ, मनोज श्रीवास्तव और जीएस मिश्रा जैसे अधिकारियों ने शहर के विकास में योगदान दिया। उस दौर में शास्त्री बाजार जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स प्रशासकों के नेतृत्व में पूरे हुए।
आगामी चुनौतियां और कार्यकाल:
चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक प्रशासक के हाथ में निगम की कमान दो से तीन महीने तक रह सकती है। इस दौरान विकास कार्यों को गति देने और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने की प्राथमिकता होगी।
रायपुर में इस प्रशासनिक बदलाव को शहर के लिए नई दिशा के रूप में देखा जा रहा है। अब सभी की नजरें 7 जनवरी की महापौर आरक्षण प्रक्रिया और प्रशासक की नियुक्ति पर टिकी हैं।
PUBLISH BY GOURAV JHA
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