रायपुर: छत्तीसगढ़ में राजस्व निरीक्षक (आरआई) विभागीय परीक्षा 2024 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि पति-पत्नी, साले-...
रायपुर: छत्तीसगढ़ में राजस्व निरीक्षक (आरआई) विभागीय परीक्षा 2024 में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि पति-पत्नी, साले-बहनोई और सगे भाइयों समेत 22 लोगों को मिलीभगत से पास करवाया गया। आरोप है कि परीक्षा से पहले ही प्रश्न पत्र लीक हो गया था, जिससे इन उम्मीदवारों को फायदा पहुंचाया गया।
जांच रिपोर्ट दबाने की कोशिश:
इस मामले की जांच रिपोर्ट 29 नवंबर 2024 को सरकार को सौंप दी गई थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके उलट, 29 जनवरी 2025 को राजस्व विभाग के जनसूचना अधिकारी ने आरटीआई में जानकारी दी कि जांच अभी प्रक्रियाधीन है। यह खुलासा अब सामने आया है कि घोटाले को दबाने की कोशिश की गई थी।
पेपर लीक और नियमों की अनदेखी:
- संदिग्ध प्रश्न पत्र: परीक्षा से पहले ही कुछ उम्मीदवारों को पेपर मिलने की शिकायत 29 जनवरी 2024 को की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- पाठ्यक्रम में बदलाव: परीक्षा के पाठ्यक्रम को दो बार बदला गया, लेकिन उसमें भुइयां सॉफ्टवेयर का जिक्र नहीं था। इसके बावजूद पेपर में इस सॉफ्टवेयर से जुड़े 7 सवाल पूछे गए।
- ओएमआर शीट की गोपनीयता भंग: प्रवेश पत्र में स्पष्ट निर्देश थे कि ओएमआर शीट पर कोई निजी जानकारी न लिखी जाए, लेकिन फिर भी परीक्षार्थियों के मोबाइल नंबर दर्ज करने का कॉलम बनाया गया, जिससे गड़बड़ी की आशंका बढ़ गई।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल:
राजस्व निरीक्षक प्रारंभिक परीक्षा 7 जनवरी 2024 को आयोजित हुई और परिणाम 29 फरवरी 2024 को घोषित किए गए। इसके बाद मामले की जांच की मांग उठी। प्रदेश राजस्व पटवारी संघ के अध्यक्ष भागवत कश्यप ने विशेष सचिव केडी कुंजाम से उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया था, जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।
इस खुलासे के बाद भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस घोटाले में शामिल अधिकारियों और लाभार्थियों पर कार्रवाई करे। क्या दोषियों पर कोई सख्त कदम उठाया जाएगा या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह देखने वाली बात होगी।
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