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भैयाथान से शुरुआत: सूरजपुर के किसानों को ऑयल पाम खेती से मिलेगा स्थायी लाभ

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  रायपुर, 25 जुलाई 2025 सूरजपुर जिले में किसानों की आय में वृद्धि तथा खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल...

 


रायपुर, 25 जुलाई 2025 सूरजपुर जिले में किसानों की आय में वृद्धि तथा खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देने विशेष अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान राष्ट्रीय मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स-ऑयल पाम योजना के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2025-26 में जिले को कुल 300 हेक्टेयर क्षेत्र में ऑयल पाम पौधरोपण का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

अभियान की शुरुआत आज भैयाथान विकासखंड के ग्राम सिरसी में हुई, जहां कृषक आशीष गुप्ता के एक हेक्टेयर भूमि पर 143 ऑयल पाम पौधों का रोपण किया गया। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणी पैकरा, उपाध्यक्ष रेखा राजलाल राजवाड़े, जनपद पंचायत भैयाथान के जनप्रतिनिधि, स्थानीय कृषकगण एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।

इस अवसर पर कलेक्टर एस. जयवर्धन ने कहा कि पारंपरिक फसलों की तुलना में ऑयल पाम की खेती से चार गुना अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसकी खेती में न्यूनतम श्रम बल की आवश्यकता होती है, रोगों की संभावना कम रहती है तथा यह किसानों की आय में आशातीत वृद्धि का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से भारत खाद्य तेल के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।

ऑयल पाम की खेती में प्रति हेक्टेयर 143 पौधों का रोपण किया जाता है, जो 9×9 मीटर की त्रिकोणीय पद्धति से किया जाता है। चार वर्षों में पौधे फल देने लगते हैं और एक एकड़ में वार्षिक 10 से 12 टन उत्पादन संभावित होता है, जो लगातार 25-30 वर्षों तक प्राप्त होता है। सरकार द्वारा फलों की खरीदी दर 17 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है।

किसानों की सुविधा हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से अनुदान प्रदान किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पौधरोपण सामग्री हेतु 29 हजार रूपए, फेंसिंग हेतु 54 हजार 485 रूपए, ड्रिप सिंचाई प्रणाली हेतु 31 हजार 400 रूपए अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। साथ ही बोर खनन एवं पंप प्रतिस्थापन पर भी अनुदान की व्यवस्था की गई है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के माध्यम से किसानों की सबसे बड़ी समस्या विपणन का समाधान किया गया है। राज्य सरकार एवं प्री. यूनिक एशिया प्रा. लि. के बीच संपन्न एमओयू के तहत कंपनी किसानों से फसल की खरीदी सीधे खेत से करेगी, जिससे किसानों को बाजार की चिंता नहीं करनी होगी।

ऑयल पाम एक ताड़ प्रजाति का पौधा है, जिससे ताड़ का तेल (पाम ऑयल) प्राप्त होता है। इसका उपयोग रिफाइंड खाद्य तेल, साबुन, सौंदर्य प्रसाधन सहित कई उत्पादों में होता है। यह अभियान किसानों की आय वृद्धि के साथ-साथ देश को खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता से मुक्त कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। वर्तमान में भारत 60-70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात करता है, जिसमें पाम ऑयल की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है।




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