Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

सावन के अंतिम सोमवार में लोहंडीगुड़ा क्षेत्र में भक्तों का सैलाब देखने को मिला

यह भी पढ़ें -

जगदलपुर ( विमलेन्दु शेखर झा ) -:   सावन के अंतिम सोमवार में बस्तर जिले में भी भक्तों का जन सैलाब भक्ति भाव के साथ शिवालयों एवं देवालयों में...

जगदलपुर (विमलेन्दु शेखर झा ) -:  सावन के अंतिम सोमवार में बस्तर जिले में भी भक्तों का जन सैलाब भक्ति भाव के साथ शिवालयों एवं देवालयों में पूजा अर्चना करते देखे गए। बस्तर जिले में भी अनेक देवालय और शिवालय पुरातत्व काल से बने हुए हैं, जिनमें लोगों की आस्था आत्मा से जुड़ी हुई है। भक्तगण दूर-दूर से मंदिरों में दर्शन करने हेतु आते हैं, एवं अपनी मनोकामना हेतु भगवान से प्रार्थना करते हैं। जिस पर बहुत से भक्तों ने बताया कि उनकी मनोकामनाएं भगवान सुनते हैं और उन्हें  भगवान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। 


आपको बता दें हमारी टीम लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के मंगर पखना और लूतु पखना देवालय जो की इस क्षेत्र के मिचनार ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है और इस मंदिर में लोगों का हुजूम सावन के महीने में तो देखने को मिलता ही है और महाशिवरात्रि के पर्व के समय इन दोनों मंदिरों में मेला लगता है। जिसमें हजारों की संख्या में भक्तगण आते हैं, और पूजा अर्चना करते हैं। भक्तों का कहना है इन मंदिरों में इनकी मनोकामना लगभग पूरी होती ही है इसलिए हमारी विशेष आस्था यहां पर स्थापित बाबा भोलेनाथ पर है।



हमारे संवाददाता ने बताया की इन देवालयों में बहुत दूर-दूर से भक्तगण आते हैं, लेकिन लोगों के लिए जो सुविधा होनी चाहिए उसका बहुत अभाव है, जैसे की पीने का शुद्ध पानी, विद्युत व्यवस्था न होना और लोगों के सुविधा के लिए सराय का अभाव एवं पुजारी के लिए कमरे का अभाव यह कुछ मूल सुविधाएं होनी चाहिए जो कि यहां पर बिल्कुल ही नगण्य है।



इस खबर के माध्यम से यह बताना भी जरूरी है की इन देवालयों से भक्तगण या आमजन दूसरे जिलों से भी आते जाते हैं इसी मार्ग से आमजन दंतेवाड़ा और बीजापुर तथा सुकमा जिले के लिए भी कम दूरी की सड़क तय करते हैं। यह सड़क बहुत ही सुंदर प्राकृतिक जंगलों से आच्छादित है। आपको बता दें कि इस मार्ग से हमेशा जनप्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अमला हमेशा आना-जाना करते है, लेकिन उन्होंने इन  देवालयों के जीर्णोधार हेतु कोई विशेष रुचि नहीं दिखाई ऐसा महसूस होता है एवं यहां के पुजारी एवं सेवादारों के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जिस पर शासन प्रशासन को विशेष ध्यान देना चाहिए।

No comments