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विश्व फोटोग्राफी दिवस पर शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में कार्यशाला वरिष्ठ फोटोग्राफरों ने साझा किए अनुभव, युवाओं को दिए महत्वपूर्ण टिप्स

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जगदलपुर: विश्व फोटोग्राफी दिवस के अवसर पर गुरुवार को शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में फोटोग्राफी प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने इसमें भाग लेकर फोटोग्राफी के तकनीकी पहलुओं और बस्तर में उपलब्ध अवसरों के बारे में सीखा।


वरिष्ठ फोटोग्राफर ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि “खबर और फोटो एक-दूसरे के पूरक हैं। बिना तस्वीर के समाचार अधूरा और कम विश्वसनीय लगता है।” उन्होंने फोटो जर्नलिज्म और सामान्य फोटोग्राफी के अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रेस फोटोग्राफी में सुंदरता से ज्यादा प्रमाणिकता और संवेदनशीलता ज़रूरी है।

वरिष्ठ फोटोग्राफर सुनील पांडेय ने कहा कि “एक तस्वीर बड़ी खबर बना सकती है। फोटो ही खबर को असरदार बनाते हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों को ड्रोन फोटोग्राफी, मोबाइल कैमरे से गुणवत्तापूर्ण तस्वीरें लेने और फोटो में एक्शन व इमोशन दिखाने की सलाह दी। उन्होंने बस्तर दशहरे को फोटोग्राफी का अद्वितीय अवसर बताया और कहा कि अच्छी तस्वीर समाज में बदलाव लाने का जरिया बन सकती है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. शरद नेमा ने युवाओं से कहा कि फोटोग्राफी केवल हॉबी नहीं बल्कि एक सफल करियर विकल्प भी है, जिसमें धैर्य और सही समय का इंतजार करने की क्षमता जरूरी है।

वरिष्ठ पत्रकार अजय श्रीवास्तव ने भी प्रभावी फोटो खींचने के टिप्स साझा किए। इस दौरान पत्रकारिता की छात्रा बी. बिंदू ने कार्यक्रम का संचालन किया।


कार्यशाला में पत्रकारिता विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार सोनी, डॉ. तेज बहादुर चंद्रा, डॉ. प्रज्ञा गुप्ता, डॉ. प्रिंस जैन, डॉ. दुर्गेश डिक्सेना, निरंजन कुमार सहित विभिन्न विभागों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि हर वर्ष 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का वैश्विक थीम “माई फेवरेट फोटो” रखा गया था।

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