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जगदलपुर का स्वदेशी मेला बना आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक, डॉ. रमन सिंह ने किया स्वदेशी उत्पादों का समर्थन

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जगदलपुर: देश की आत्मा में बसे स्वदेशी भाव को सशक्त करने के उद्देश्य से आयोजित स्वदेशी मेला के विशेष कार्यक्रम में बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष...

जगदलपुर:

देश की आत्मा में बसे स्वदेशी भाव को सशक्त करने के उद्देश्य से आयोजित स्वदेशी मेला के विशेष कार्यक्रम में बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष एवं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यदि देश के गौरव को पुनः ऊँचाइयों पर ले जाना है, तो हमें स्वदेशी को जीवन का हिस्सा बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि एक समय भारत की जीडीपी विश्व की कुल अर्थव्यवस्था का 23 प्रतिशत थी, क्योंकि लोग देश में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देते थे। लेकिन विदेशी उत्पादों के अंधाधुंध प्रयोग से यह घटकर 2 प्रतिशत से भी कम रह गई है। डॉ. सिंह ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान से भारत शीघ्र ही आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनेगा।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. सिंह ने मेला प्रांगण का अवलोकन किया और डिजिटल भुगतान के माध्यम से एक सुंदर कालीन खरीदकर स्वदेशी उत्पादों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह मेला केवल व्यापार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भावना को जन-जन तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है।

देश के 20 राज्यों से पहुंचे 300 स्टॉल

मेला संयोजक किशोर पारख ने बताया कि स्वदेशी मेला में देश के 20 से अधिक राज्यों के कारीगरों और उद्यमियों ने भाग लिया है। करीब 300 स्टॉलों में हैंडलूम, हस्तशिल्प, जैविक उत्पाद, आयुर्वेदिक दवाएं, पारंपरिक परिधान और जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है, जो स्थानीय नागरिकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरलीधर राव एवं आज के मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह के आगमन को मेला के लिए गौरवपूर्ण बताया।

सांस्कृतिक रंगों में डूबा मेला परिसर

कार्यक्रम में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को डॉ. रमन सिंह ने मंच से पुरस्कृत किया। आयोजन समिति की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
मेला सह संयोजक देवेंद्र देवांगन ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कहा कि स्वदेशी मेला केवल उत्पादों का प्रचार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आत्मनिर्भरता का उत्सव है।

कार्यक्रम का संचालन श्री ब्रिज धुर्वे और श्रीमती हितप्रीता ठाकुर ने किया। समापन पर स्थानीय कलाकारों ने लोकनृत्य और गीतों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा परिसर बस्तर की सांस्कृतिक छटा में रंग गया।

गौरवशाली उपस्थिति

इस अवसर पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, महापौर संजय पाण्डे, पूर्व विधायक बैदूराम कश्यप, भाजपा जिलाध्यक्ष वेदप्रकाश पाण्डे, महिला मोर्चा अध्यक्ष सुधा मिश्रा, सभापति खेमसिंह देवांगन, निगम के एमआईसी सदस्य, पार्षदगण, मेला आयोजन समिति के सदस्य एवं बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।

स्वदेशी मेले ने न केवल व्यापार और रोजगार के अवसर बढ़ाए, बल्कि बस्तर की धरती पर “स्वदेशी से देश की समृद्धि” के भाव को नई ऊर्जा के साथ जीवंत किया है।

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