जगदलपुर: देशभर में ABVP से जुड़े कार्यकर्ताओं के विवादित व्यवहार को लेकर छात्रों और अभिभावकों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदे...
जगदलपुर:
देशभर में ABVP से जुड़े कार्यकर्ताओं के विवादित व्यवहार को लेकर छात्रों और अभिभावकों में गहरा आक्रोश देखने को मिल रहा है। मध्यप्रदेश के मंदसौर और दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई दो अलग-अलग घटनाओं ने शिक्षा जगत को झकझोर दिया है।
मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित यशवंतराव होलकर कॉलेज में ABVP नगर मंत्री उमेश जोशी, अजय गौर, हिमांशु बैरागी समेत चार कार्यकर्ताओं पर छात्राओं के चेंजिंग रूम का छिपकर वीडियो बनाने का आरोप है। यह पूरा घटनाक्रम कॉलेज के CCTV कैमरों में रिकॉर्ड हुआ। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार तो किया, लेकिन NSUI का आरोप है कि पुलिस ने ABVP कार्यकर्ताओं पर कमज़ोर धाराएँ लगाकर उन्हें बचाने की कोशिश की।
इस घटना पर बस्तर जिला NSUI अध्यक्ष विशाल खम्बारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा
यह BJP के ‘बेटी बचाओ नहीं, बेटी को शर्मसार करो’ अभियान की सच्चाई उजागर करता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव को जवाब देना चाहिए कि क्या ABVP के अपराधियों को बचाना बेटियों की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है?
इधर, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. भीमराव आंबेडकर कॉलेज में the भी ABVP नेताओं की गुंडागर्दी का मामला सामने आया है। आरोप है कि ABVP की DUSU जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका झा ने कॉलेज प्रिंसिपल को दिल्ली पुलिस की मौजूदगी में थप्पड़ मारा, जबकि उस समय ABVP के करीब 50 कार्यकर्ता कमरे में मौजूद थे। NSUI ने दिल्ली सरकार और केंद्र से सवाल किया है
क्या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि ABVP के खिलाफ कोई कार्रवाई न हो?
विशाल खम्बारी ने आगे कहा
यह घटनाएँ बताती हैं कि BJP और ABVP ने देश के शिक्षा संस्थानों को गुंडागर्दी और सत्ता संरक्षण का अड्डा बना दिया है। दीपिका झा को तुरंत विश्वविद्यालय से निष्कासित किया जाए और मंदसौर प्रकरण के सभी दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई हो।
NSUI ने चेतावनी दी है कि यदि बेटियों के सम्मान और शिक्षकों की सुरक्षा पर हमला जारी रहा, तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगा।
हम शिक्षा को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे चाहे सरकार कितनी भी ताकतवर क्यों न हो विशाल खम्बारी ने कहा।
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