Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

बादल अकादमी में आयोजित त्रिदिवसीय पैरा आर्ट वर्कशॉप का समापन

यह भी पढ़ें -

जगदलपुर : रविवार दिनांक 15.01.2023 को बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एण्ड लिटरेचर (बादल) के सहयोग से बादल एकेडमी आसना में आयोजित त्रिदिवसीय पैर...

जगदलपुर : रविवार दिनांक 15.01.2023 को बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एण्ड लिटरेचर (बादल) के सहयोग से बादल एकेडमी आसना में आयोजित त्रिदिवसीय पैरा आर्ट वर्कशॉप का विधिवत समापन हुआ।



इस अवसर पर प्रभारी अधिकारी बादल श्रीमती पूर्णिमा सरोज ने प्रशिक्षार्थियों को पारम्परिक शिल्प एवं कला के साथ ही बस्तर की अन्य कलाओं के महत्व को बताया। उन्होंने कहा कि बस्तरिया संस्कृति की पूरी दुनिया में एक अलग की पहचान है। यहां की पारम्परिक कला जैसे ढोकरा आर्ट, बेलमेटल सहित लोकनृत्य एवं लोकगीत विश्वप्रसिद्ध है। बादल के सहयोग से इच्छुक कलाकारों को निखारने का सतत प्रयास किया जा रहा है



पैरा आर्ट प्रशिक्षक डिम्पल राज ने बताया कि एक समय तक धान की घास को केवल चारे एवं घासफूस की तरह इस्तेमाल किया जाता था । उस धान के तिनकों का उपयोग कर सुंदर कलाकृतियां एवं सजावट के सामान बनाये जा रहे हैं। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए पैरा आर्ट के रूप में वे सजावटी कलाकृतियां बनाना लोगों को सीखा रही हैं। उन्होंने बताया कि आज जिस तरह गोबर के इस्तेमान से जिस तरह दिये और पैण्ट बनाये जा रहे हैं, उसी तरह धान के पैरा का उपयोग कर कलाकृतियों के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार का साधन उपलब्ध हो रहा है। इन कलाकृतियों की विदेशों में भी खूब डिमाण्ड है।



ज्ञात हो कि पैरा-आर्ट का त्रिदिवसीय वर्कशॉप 13 जनवरी से 15 जनवरी तक बादल अकादमी आसना में आयोजित किया गया था। जिसमें 25 से भी अधिक प्रशिक्षार्थियों ने सहभागिता की। सभी ने विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों बनाईं। जिसमें विशेषतः मूक बधिर विद्यालय के विद्यार्थी भी सम्मिलित हुए और बेहद आकर्षक डिजाइन भी तैयार किये समापन समारोह में सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। इस अवसर पर बादल स्टाफ दीप्ति ओग्रे, योगेश साहनी सहित कलाकार सन्नी राज, वैशाली नाग एवं प्रशिक्षार्थियों के परिजन उपस्थित थे।

No comments