• इसके पहले ग्रामीण की शिकायत पर मीडिया ने उठाया था मामला • मामले पर जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जांच करवाया • जांच मे...
• इसके पहले ग्रामीण की शिकायत पर मीडिया ने उठाया था मामला
• मामले पर जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जांच करवाया
• जांच में दोषी पाई गईं रोजगार सहायिका पर कार्यवाही का दिया आश्वासन
जगदलपुर : जनपद पंचायत बकावंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत भेजरीपदर में फर्जी मस्टररोल बनाकर डबरी निर्माण किए जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। जिसपर आज मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त मामले में जांच के बाद आरोप सत्य पाया गया। उन्होंने बताया कि इस फर्जीवाड़े में वहां की रोजगार सहायिका दोषी पाई गईं हैं, जिनपर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
मीडिया द्वारा 'फर्जी भुगतान कर मजदूरी प्राप्त सरपंच और अन्य लोगों पर क्या कार्यवाही होगी?' यह पूछे जाने पर उन्होंने इसे नकारते हुए, कहा कि "जिनके खातों में पैसा गया है, उन्हें पता ही नही है की किसके द्वारा कहां से भुगतान हुआ है, इसलिए अनवर कार्यवाही नही होगी।" उन्होंने केवल रोजगार सहायिका को ही मामले की मुख्य दोषी कहा। बता दें ग्रामीणों ने इस मामले में अन्य जनप्रतिनिधियों और लोगों के भी शामिल होने का आरोप लगाया था। अब देखना होगा कि इस फर्जीवाड़े में क्या कोई राजनैतिक रसूख से बचता है या अन्य तथाकथित दोषियों पर भी कार्यवाही होगी।
यह था मामला :
ग्राम पंचायत भेजरीपादार निवासी लैखन ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बकावंड से एक लिखित शिकायत की है, कि उसके बड़े पिता श्री मनीराम पिता धनसाय के नाम पर मनरेगा के अंतर्गत एक डबरी निर्माण कार्य की स्वीकृति हुई थी, लेकिन रोजगार सहायक द्वारा बिना डबरी निर्माण करवाए ही अपने परिजन, सरपंच श्यामवती एवं अन्य लोगो के नाम पर फर्जी मस्टर रोल बनाकर भुगतान करा दिया गया। जब इस मामले की सत्यता जानने हमारी टीम ग्राम पंचायत भेजरीपदर पहुंची तब हमारी टीम को ग्रामीण लैखन ने बताया कि "यह बात सही है कि कुछ लोगों ने मिलकर मनरेगा के तहत यहां डबरी निर्माण के नाम पर भ्रष्टाचार किया है। यह जमीन मेरे बड़े पिताजी स्वर्गीय मनीराम पिता धनसाय के नाम पर है। यहां डबरी निर्माण के नाम पर आए पैसे का सरपंच, रोजगार सहायक और दूसरे लोगों ने बंदरबाट किया है। जिसमे वे खुद और उसके परिवार के लोगों का नाम भी मस्टर रोल में मजदूरों की सूची में दर्ज है। जबकि सच्चाई ये है कि यहां एक फावड़ा भी नही चलाया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि "जब मैने इसकी शिकायत पंचायत में की तो पहले तो वे लोग जल्द ही डबरी बन जाएगा कहते थे, लेकिन बाद में अभद्रता के साथ बोले 'जा प्रधानमंत्री से शिकायत कर की वहां निर्माण नहीं हुआ है।' इसके बाद मजबूरन मुझे जनपद में शिकायत करनी पड़ी। मेरे परिवार को मार पीट की भी धमकी दी गई है।"
बता दें भेजरीपदर निवासी लैखन ने इसी माह की चार तारीख को शिकायत की थी। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन शिकायतकर्ता के पत्र पर कोई जांच करवाती है या लैखन का परिवार असुरक्षित माहौल में रसूखदारों के बीच रहने को मजबूर रहेगा?
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