जगदलपुर (विमलेन्दु शेखर झा)-: जगदलपुर शहर सीमा से सटे ग्राम सरगीपाल क्षेत्र में संचालित गिट्टी के खदानों में पर्यावरण, खनिज, अग्निशमन एवं ...
जगदलपुर (विमलेन्दु शेखर झा)-: जगदलपुर शहर सीमा से सटे ग्राम सरगीपाल क्षेत्र में संचालित गिट्टी के खदानों में पर्यावरण, खनिज, अग्निशमन एवं स्वास्थ्य सुरक्षा कानून की जमकर खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। वही संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारी जांच के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही करते नजर आते हैं। वही गिट्टी खदानों के संचालकों द्वारा ना तो पर्यावरण कानून के तहत ना ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है और ना ही क्रेशर मशीनों को ढक कर रखा गया है। जिससे आसपास के भूमि एवं घरों के ऊपर एक मोटी धूल की परत चढ़ गई है वहीं खनिज कानून की बात करें तो संचालकों के द्वारा खनन क्षेत्र में वृक्षारोपण करवाया जाना चाहिए तथा खनन क्षेत्र का सीमांकन करना चाहिए। खनन क्षेत्र को बैरिकेडिंग कर रखना चाहिए लेकिन खनन क्षेत्र में ऐसा कहीं भी दिखाई नहीं दिया। एक और बात करें अग्निशमन विभाग से आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने कि तो वह भी संचालकों के द्वारा नहीं लिया गया है।
वहीं औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कानून की बात करें तो मजदूर को सुरक्षात्मक उपकरण एवं सामग्री भी नही दी गई है।
इस तरह गिट्टी खदान संचालकों के द्वारा पर्यावरण, खनिज, अग्निशमन एवं औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कानून का खुलेआम मजाक उड़ाया जा रहा है। और संबंधित विभाग द्वारा मूकदर्शक बनकर देखने के अलावा कुछ भी कार्यवाही नहीं की जा रही है।
अब सवाल यह उठता है की क्या इस समाचार के प्रकाशित होने के पश्चात प्रशासन की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि गिट्टी खदान संचालक शासन के द्वारा बनाए कानून को मानने पर विवश हो ।
या सिर्फ खाना पूर्ति कर अपनी पीठ थपथपा कर अपनी वाह वाही लूटेगी।
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