नारायणपुर (वेदांत @ The Gazette) : पद्मश्री से सम्मानित वैद्यराज हेमचंद्र मांझी ने नक्सलियों की धमकियों के बाद अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने ...
नारायणपुर (वेदांत @ The Gazette) : पद्मश्री से सम्मानित वैद्यराज हेमचंद्र मांझी ने नक्सलियों की धमकियों के बाद अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया है। नक्सलियों ने उन पर निको माइंस में दलाली करने का आरोप लगाकर जान से मारने की धमकी दी है। साथ ही, नक्सलियों ने नारायणपुर में दो मोबाइल टावरों में आग लगा दी है। इसके बाद, गृह विभाग ने उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है।
पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करते हेमचंद मांझी। |
घटना का विवरण:
यह मामला छोटे डोंगर थाना क्षेत्र का है। जानकारी के अनुसार, नक्सलियों ने ग्राम गौरदंड और चमेली गांव में रात करीब 12 बजे BSNL के टावरों में आग लगा दी। वहीं, नक्सली बैनर और पोस्टर फेंककर गए हैं, जिनमें पद्मश्री मांझी को देश से भगाने की धमकी दी गई है। इससे पहले, नक्सली उनके भतीजे कोमल मांझी की भी हत्या कर चुके हैं।
वैद्यराज हेमचंद मांझी के भतीजे कोमल मांझी। |
वैद्यराज का संघर्ष:
नक्सलियों के डर के चलते हेमचंद्र मांझी पिछले छह महीनों से गांव छोड़कर शहर में रह रहे हैं। जान के खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उन्हें जिला मुख्यालय स्थित सेफ हाउस में सुरक्षा दी है। मांझी ने कहा है कि वह अब लोगों का इलाज भी बंद कर देंगे।
वैद्यराज की प्रतिक्रिया:
हेमचंद मांझी ने कहा, "लाल पर्चे में धमकी दी गई है कि हमने पैसे खाए हैं, जबकि हम एक पैसा भी नहीं खाए हैं। अगर नक्सलियों को संदेह था तो जनअदालत लगाकर मीडिया के सामने पूछताछ करते, फिर मार देते। बार-बार पर्चा फेंककर धमकी देना बेइज्जती जैसा है। हम खुद कमाकर खाने वाले लोग हैं और अभी भी हमारे यहां 20-22 लोग काम करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "अगर सरकार कुछ नहीं करेगी तो सम्मान रखकर क्या करूंगा, उसे वापस कर दूंगा। जनसेवा करता हूं, किसी का पैसा नहीं खाते हैं। गरीब लोग जाते हैं, तो उन्हें जड़ी-बूटी देते हैं। इसे भी देना छोड़ देंगे।"
धमकी के बाद सुरक्षा:
नक्सलियों की धमकी के बाद हेमचंद मांझी को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। गृह विभाग ने इसका आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रोटेक्शन रिव्यू ग्रुप की बैठक में यह फैसला लिया गया।
हेमचंद्र मांझी: वैद्यराज के नाम से प्रसिद्ध
नारायणपुर जिले के निवासी हेमचंद्र मांझी वैद्यराज के नाम से प्रसिद्ध हैं। वह पारंपरिक तरीके से जंगली जड़ी-बूटियों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज करते हैं। मांझी ने अपना पूरा जीवन जड़ी-बूटियों की खोज और उनसे लोगों का इलाज करने में बिताया है। लगभग पांच दशकों तक उन्होंने हजारों लोगों को ठीक किया है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। मांझी उस समय से लोगों का इलाज कर रहे हैं, जब उस इलाके में स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंची थीं। अपने ज्ञान और सेवाभाव के कारण उन्होंने लोगों का इलाज शुरू किया।
हेमचंद्र मांझी की यह संघर्षमय यात्रा और उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल उनके अद्वितीय साहस और सेवा भावना को दर्शाता है, बल्कि समाज में फैली असुरक्षा और नक्सलियों के आतंक के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संदेश भी है।
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