रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मंगलवार को राजीव भवन स्...
रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मंगलवार को राजीव भवन स्थित प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हुई। इसमें जिलाध्यक्षों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों के साथ हार के कारणों पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में यह भी पूछा गया कि क्यों न इस प्रदर्शन पर पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। सूत्रों के अनुसार, बदलाव की इस प्रक्रिया में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी संगठन से बाहर हो सकते हैं, जबकि पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव और वर्तमान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के समर्थकों को संगठन में महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जा सकती हैं।
बैठक में पार्टी के भीतर वाद-विवाद और अंतर्कलह की बातें भी सामने आईं, जिससे नई दिल्ली की फैक्ट फाइडिंग टीम भी आश्चर्यचकित रही। टीम के सामने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को भी हार के प्रमुख कारणों में शामिल किया गया। इन सभी मुद्दों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा सकती है।
• जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों पर गाज
बैठक की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने की। इसमें जिलाध्यक्षों से एक-एक कर सवाल-जवाब किए गए। शाम चार बजे प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपाध्यक्ष गुरमुख सिंह होरा, अंबिका मरकाम, और राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम आदि ने भाग लिया।
• बड़े पैमाने पर संगठनात्मक फेरबदल
नई दिल्ली से लौटने के बाद से ही बैज ने बदलाव के संकेत दे दिए हैं। कांग्रेस बड़े पैमाने पर जिला अध्यक्षों को बदलने पर विचार कर रही है। जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है, वहां के जिलाध्यक्षों को स्पष्ट संकेत दे दिए गए हैं। साथ ही राज्य स्तरीय पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। प्राप्त सुझावों के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में बदलाव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। बुधवार को पार्टी की बैठक में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर चर्चा की जाएगी।
• महंगाई, बिजली दर और जनहित के मुद्दे उठेंगे
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि बढ़ी हुई बिजली दरें, कानून व्यवस्था, फर्जी नक्सली घटनाएं, किसानों की आत्महत्या, और खाद बीज पर महंगाई जैसे जनहित के मुद्दों को विधानसभा के मानसून सत्र में आक्रामक तरीके से उठाया जाएगा।
राज्य सरकार के राजस्व शिविर पर बैज ने कहा कि पटवारी हड़ताल पर हैं, तहसीलदारों ने खुलेआम नाराजगी व्यक्त की है। सरकार व्यवस्था नहीं संभाल पा रही है। कांग्रेस जनहितों के मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर सड़क की लड़ाई लड़ेगी।
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