Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

जावेद खान का आरोप : "8 महीने में ही साय सरकार के उड़े तोते, अब प्रदेश की जनता के घरों के तोते उड़ाने का तुगलकी फरमान हुआ जारी"

• घरों से तोते जप्त करना विष्णु देव साय सरकार की अमानवीय सोच, ऐसा कर डाल रहे घरेलू पक्षियों का जीवन खतरे में : जावेद खान  जगदलपुर  : युवा का...

घरों से तोते जप्त करना विष्णु देव साय सरकार की अमानवीय सोच, ऐसा कर डाल रहे घरेलू पक्षियों का जीवन खतरे में : जावेद खान 


जगदलपुर : युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेद खान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर वन विभाग द्वारा माननीय न्यायालय के 52 साल पुराने निर्णय का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ में तोता एवं अन्य पक्षियों के पालन पर प्रतिबंध लगाते हुए विभिन्न धाराओं के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई एवं 3 वर्षों तक कारावास की सजा होने के तुगलकी फरमान से आम जन के बीच भय का माहौल बन रहा है कहा है और कहा है इससे यह बात भी स्पष्ट होता है कि 8 महिनों में ही विष्णु देव साय सरकार के तोते उड़े हुए हैं और अब वो प्रदेश की जनता के घरों के तोते उड़ाने की अमानवीय सोच और हिटलरशाही रवैया धारण कर लिए हैं।विष्णु देव सरकार को जिन कार्यों के लिए जनता ने चुना है उसमें तो वे फिसड्डी साबित हो गये हैं,प्रदेश में कानून व्यवस्था इनसे सम्हल नहीं रही,अपराध घट नहीं रहे आम जनता सुरक्षित नहीं है और ये तोते सुरक्षित करने निकल रहे हैं,विष्णु सरकार रोजाना नये-नये तुगलकी फरमान जनता के सिर मढ़ रही है,एक तरफ वन विभाग वन विद्यालय में रखे गये छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना को सुरक्षित नहीं रख पाया जिनकी मृत्यु वन विद्यालय में लगातार होती आई है जिसे पूरे प्रदेश ने देखा है,वन विभाग जंगलों की अवैध कटाई पर रोक लगाने,हसदेव के जंगल को बचाने,सागौन,शीशम जैसी बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी में रोक लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित रहा है, लामनी पार्क में बने बर्ड पार्क में लगातार पक्षियों की मृत्यु हो रही है और जो अपनी मूल जिम्मेदारी को निभा नहीं पा रहे हैं वो वन विभाग अब लोगों के घरों से तोते उड़ाने निकल रहा है।

   

जावेद ने कहा विष्णु देव सरकार और वन मंत्री केदार कश्यप आम जनों की भावनाओं को कुचलने का तुगलकी फरमान वापस लें,पालतू तोते एवं पक्षी एक तरह से परिवार का हिस्सा होते हैं उनके साथ परिवार की भावनाएं जुड़ी होती हैं छोटे-छोटे बच्चों के दिलों में इन पक्षियों का घर होता है और पक्षियों को भी परिवार से एक भावनात्मक लगाव रहता है,पक्षी भी बचपन से घरों में रहते हुए घरेलू जीवन जीना सीख जाते हैं ऐसे में नागरिकों को अपने तोते से दूर करना और वो पक्षी जो मनुष्यों को अपना मान चुके हैं से बिछड़ना किसी सदमे से कम नहीं होगा,जो पक्षी शहरों में आम जनों के घरों में जीना सीख चुके हैं उन्हें वनों में कैसे जिया जाता है वे पूरी तरह से भूल चुके हैं ऐसे पक्षियों के जीवन के साथ खिलवाड़ करना तथा आम जनता के दिलों को तोड़ने वाला यह आदेश है इसे राज्य सरकार को वापस लेना चाहिए।


जावेद ने कहा वर्षों से लोगों के घरों में रहते हुए ये पक्षी परिवार का एक हिस्सा बन जाते हैं और ऐसा भी नहीं है कि इन्हें हर पल पिंजरे में कैद कर रखा जाता है विशेषकर तोते तो अधिकांश समय पिंजरें से बाहर घर में घूमते फिरते बिताते हैं वे स्वयं उड़कर कहीं नहीं जाते ऐसे में मनुष्य हो या पक्षी जो परिवार का अंग बन चुके हैं उन्हें उनके परिवार से दूर करना कितना उचित है।विष्णु देव साय सरकार में वन मंत्री केदार कश्यप वन विभाग के इस तुगलकी फरमान पर तत्काल रोक लगाएं और इसे संशोधित कर नया आदेश जारी करवाएं जिसमें भविष्य में पक्षियों की खरीदी बिक्री पर कड़ाई से रोक लगे,एवं जो पक्षी वर्षों से घरेलू जीवन जी रहे हैं उन्हें उनके परिवार से दूर ना किया जाए,ऐसा करने से जो पक्षी आज घरेलू जीवन जीना सीख चुके हैं उनका भी जीवन सुरक्षित रहेगा और भविष्य में वनों में रहने वाले पक्षियों की खरीदी बिक्री पर  कड़ाई से प्रतिबंध लगने से वे भी वनों में सुरक्षित रहेंगे।

No comments