जगदलपुर : बस्तर जिले में शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन को जारी रख...
जगदलपुर : बस्तर जिले में शासकीय राशन दुकानदार एवं विक्रेता कल्याण संघ ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर चलाए जा रहे धरना प्रदर्शन को जारी रखा है। इस हड़ताल के कारण जिले भर की शासकीय राशन दुकानें 1 अक्टूबर से बंद हैं और 5 अक्टूबर तक बंद रहने की संभावना है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि उनका यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती। यह आंदोलन जगदलपुर के मंडी प्रदर्शन स्थल में आयोजित है।
संघ के प्रांतीय सह सचिव अजंबर सेठिया ने जानकारी दी कि अब तक उनके धरना प्रदर्शन से कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं। शासन ने संघ की कुछ मांगों को मानने पर सहमति जताई है, जिसमें रुकी हुई विभिन्न राशियों के शीघ्र भुगतान का आश्वासन दिया गया है। हालांकि, संघ द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दों में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित कमीशन की दरों में भिन्नता बनी हुई है। संघ ने राज्य सरकार से केंद्र सरकार के बराबर कमीशन की मांग की है, जिसके लिए शासन ने एक समिति बनाकर इस पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है।
संघ की ओर से बस्तर जिला अध्यक्ष रोहित नाग ने कहा है कि अगर 5 अक्टूबर तक उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तो उनका प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा और वे उग्र आंदोलन की राह पर जा सकते हैं, जिसमें विधानसभा घेराव भी शामिल हो सकता है।
• मुख्य मांगें :
√ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 2022 में तय किए गए कमीशन की दरों को जल्द लागू किया जाए।
√ शासकीय राशन वितरण प्रणाली में ई-पॉज़ मशीन के चलते आ रही तकनीकी समस्याओं का समाधान हो।
√ दुकानों में बिजली और ब्रॉडबैंड की सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
धरने पर बैठे विक्रेता ई-पॉज़ मशीन से विशेष रूप से नाराज हैं। उनका कहना है कि इस मशीन के जरिए राशन वितरण का काम धीमा हो गया है, और मशीन में बार-बार सर्वर डाउन जैसी दिक्कतें आती रहती हैं, जिससे उपभोक्ताओं को भी परेशानी होती है।
अगर जल्द ही दोनों पक्षों में सामंजस्य नहीं बनता, तो यह धरना प्रदर्शन 5 अक्टूबर के बाद भी जारी रह सकता है, जिससे जिले की राशन वितरण प्रणाली पर और अधिक असर पड़ सकता है।
 
  
 
  
 
  
 
  

 
 
 
 
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