Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठी पुरजोर मांग : पत्रकारों का ऐतिहासिक “महाकुंभ”

रायपुर :  2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित “पत्रकार संकल्प महासभा” ने राज्य के इतिहास में एक नई इब...

रायपुर : 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के अवसर पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित “पत्रकार संकल्प महासभा” ने राज्य के इतिहास में एक नई इबारत लिख दी। ग्रास मेमोरियल में हुए इस कार्यक्रम में प्रदेश भर से हजारों पत्रकार शामिल हुए, जो पत्रकारों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और उनकी सुरक्षा के लिए आवाज़ उठाने आए थे। इस महासभा का उद्देश्य पत्रकार सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाना था।


30 से अधिक पत्रकार संगठन हुए एकजुट :

इस महासभा में 30 से अधिक पत्रकार संगठनों ने हिस्सा लिया, जिसमें पत्रकारों के विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। मुख्य मुद्दा पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर था, जिन पर राज्य में लगातार हमले हो रहे हैं। पत्रकारों ने बताया कि उन्हें धमकाया जाता है, झूठे मामलों में फंसाया जाता है, और कई बार शारीरिक हिंसा का भी सामना करना पड़ता है। इस महासभा में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि चाहे कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की, पत्रकारों के हितों की अनदेखी की गई है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में पहचाने जाने वाले पत्रकारों की सुरक्षा पर ध्यान देने के बजाय उन्हें दबाया जा रहा है।


ज्ञापन सौंपा गया राज्यपाल को :

महासभा के समापन पर पत्रकारों का एक प्रतिनिधि मंडल राजभवन पहुँचा और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की माँग की गई, साथ ही पत्रकारों के हितों के संरक्षण के लिए अन्य आवश्यक कदम उठाने की बात कही गई। ज्ञापन में यह भी जिक्र किया गया कि पत्रकारों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं और उन्हें उनके काम के लिए समुचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए।


पत्रकारों की एकजुटता :

यह महासभा छत्तीसगढ़ के पत्रकारों के लिए एकता का प्रतीक बन गई। पहली बार प्रदेश भर के पत्रकार एक मंच पर एकत्र हुए और अपनी समस्याओं को खुलकर सामने रखा। पीड़ित पत्रकारों ने अपनी आपबीती साझा की और मंच से सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पत्रकारों पर हो रहे अत्याचार अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे।


सरकार की जिम्मेदारी कब होगी पूरी? :

“पत्रकार संकल्प महासभा” ने छत्तीसगढ़ के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। अब यह देखना होगा कि सरकार पत्रकारों की इस एकजुट और जायज मांग पर कब जागरूक होती है और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने के लिए ठोस कदम उठाती है।


No comments